नैनो तकनीक से जल प्रदूषण खत्म करने को सर्वे शुरू
बड़ौत: कारखानों के प्रदूषित जल से जहरीली हो चुकीं ¨हडन, काली और कृष्णा नदियों को स्वच्छ करने के लिए ब
बड़ौत: कारखानों के प्रदूषित जल से जहरीली हो चुकीं ¨हडन, काली और कृष्णा नदियों को स्वच्छ करने के लिए बंगलुरू की एक कंपनी नैनो टेक्नोलाजी लेकर आई है। इसके लिए कंपनी और ग्रामीण एवं पर्यावरण विकास समिति ने नदियों का सर्वे शुरू कर दिया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए कुछ तालाब भी चिह्नित किए गए हैं।
ग्रामीण एवं पर्यावरण विकास समिति के सचिव कृष्णपाल डौला, कंपनी के टीम डायरेक्टर सुनील नंदा व इंजीनियर अनीस दास ने जलपुरुष राजेंद्र ¨सह के गांव डौला गांव से सफाई कार्य प्रारंभ किया। सबसे पहले वहां उन्होंने एक तालाब की सफाई के लिए नैनो टेक्नोलाजी का इस्तेमाल किया। इसके बाद उन्होंने बालैनी, बरनावा, समेत कई स्थानों पर ¨हडन, काली और कृष्णा नदी का सर्वे किया।
सुनील नंदा ने बताया कि नैनो टेक्नोलाजी के जरिए नदियों व तालाबों को स्वच्छ किया जा सकता है। एक विशेष किस्म का लिक्विड उस स्थान पर डाल दिया जाता है, जहां से नदी या तालाब में दूषित पानी गिरता है। वह लिक्विड जहरीले कीटाणुओं को मारता है और मित्र कीटों का जन्म करता है, जो गंदगी को सोखते हैं। इस विधि का असर तीन से चार दिन में शुरू हो जाता है और 15 दिनों में एक लीटर लिक्विड से दो एकड़ तालाब का पानी स्वच्छ हो जाता है।
कृष्णपाल डौला ने बताया कि नदियों का सर्वे प्रारंभ कर दिया गया है, जो शामली, मुजफ्फरनगर व सहारनपुर में भी किया जाएगा। उन्होंने शासन-प्रशासन से नदियों की स्वच्छता के लिए मदद करने की मांग की है।