84 गांवों का मलकपुर मिल को गन्ना देने से इनकार
बागपत: मलकपुर शुगर मिल बनाम गन्ना किसानों की कई दिनों की जंग के बाद आखिरकार 84 गांवों के गन्ना किसान
बागपत: मलकपुर शुगर मिल बनाम गन्ना किसानों की कई दिनों की जंग के बाद आखिरकार 84 गांवों के गन्ना किसानों ने कलक्ट्रेट में हुई पंचायत में कई खापों के चौधरियों, किसान नेताओं की उपस्थिति में मिल को गन्ना न देने का ऐलान कर दिया। डीएम ने इस मामले से गन्ना आयुक्त को अवगत कराकर विभाग के फैसले की किसानों को जानकारी देने की बात कही।
मंगलवार सुबह 10 बजे से कलक्ट्रेट में किसानों की भीड़ जुटनी शुरु हुई। भारी तादाद में किसान दरी बिछाकर धरना देकर बैठ गए। हर तरफ ट्रैक्टर-ट्रॉलियां खड़ी कर दी गईं। धरने में मलकपुर मिल क्षेत्र के 84 गांवों के किसान पहुंचे थे। इसकी अध्यक्षता चौबीसी खाप के मुखिया सुभाष चौधरी कर रहे थे। किसानों का नेतृत्व करने के लिए 84 देशखाप के मुखिया चौ. सुरेंद्र मौजूद थे। अलग-अलग दलों से जुड़े किसान नेता भी पहुंचे। किसानों के बीच वक्ताओं ने मलकपुर मिल की वजह से हो रही किसानों की समस्या, दुख-दर्द को साझा किया और एकजुटता का आह्वान किया।
सहकारी गन्ना विकास समिति लिमिटेड, मलकपुर मिल के चेयरमैन चौधरी धूम ¨सह ने डीएम को ज्ञापन सौंप कर मलकपुर मिल पर बकाया किसानों का पूर्ण भुगतान तत्काल कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि 20 अक्टूबर को मलकपुर मिल चेयरमैन एवं निदेशकों ने किसानों के साथ धोखाधड़ी कर दूसरी कंपनियों को दिए गए रुपयों को किसानों को वापस दिलाकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की।
गन्ना आयुक्त को पत्र भेजकर दूसरे मिलों को गन्ना आवंटित कराया जाए। सहकारी गन्ना विकास समिति के वर्तमान चेयरमैन व किसानों की सहमति के बिना गन्ना इंडेंट जारी नहीं किया जाए। मलकपुर मिल का अधिकरण कराया जाए। एसडीएम बड़ौत की ओर से निजी सिक्योरिटी इंजार्च को दी गई सुपुर्दगी का पालन नहीं हो रहा है इसलिए इसे वापस लिया जाए। किसानों की बात सुनने के बाद डीएम हृदय शंकर तिवारी ने बताया कि गन्ना आयुक्त को पहले भी पत्र भेज चुके हैं, आज फिर भेजेंगे। किसानों के निर्णय से अवगत कराएंगे। किसान नहीं चाहेंगे तो उनका गन्ना मलकपुर मिल को नहीं भेजा जाएगा। जब गन्ना नहीं जाएगा तो पर्ची भी नहीं जाएगी। उन्होंने एफआइआर में मिल के मालिक उमेश मोदी का नाम शामिल करने की भी जानकारी दी।