धर्म के मार्ग पर चलने से मिलेगी शांति : विहर्ष सागर
बड़ौत(बागपत): राष्ट्र संत मुनि 108 श्री विहर्ष सागर महाराज ने कहा कि धर्म के मार्ग पर न चलने वाला हर
बड़ौत(बागपत): राष्ट्र संत मुनि 108 श्री विहर्ष सागर महाराज ने कहा कि धर्म के मार्ग पर न चलने वाला हर आदमी अतृप्त है। जीवन में सुख व शांति प्राप्त करने के लिए धर्म को अपनाना ही होगा।
जैन मुनि शनिवार को शहर के दिगंबर जैन अतिथि भवन में धर्मसभा में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति चाहे कितना भी संपन्न और बलशाली क्यों न हो, मगर उसे शांति नहीं है। इसका मतलब है कि उसने धन-दौलत, यश, वैभव तो पा लिया है, लेकिन अपने धर्म को प्राप्त नहीं किया। माया के चक्कर में इतना उलझ गया है कि उसके मन की शांति खत्म हो गई है। धन-दौलत चाहे कितना भी कमा लो, लेकिन जब तक धर्म नहीं करोगे, तब तक शांति नहीं मिल सकेगी। महापुरुषों का एक-एक शब्द जीवन में आमूल चूल परिवर्तन लाने वाला होता है। उनके बोले हर एक शब्द में बहुत अधिक शक्ति है। एक-एक सूत्र में सारा ज्ञान समाया है। धर्म ही उत्कृष्ट मंगल है। इसीलिए रुपया-पैसा, नाम-यश कितना भी प्राप्त कर लेना, लेकिन धर्म के मार्ग पर अवश्य चलना ही होगा। धर्मसभा का संचालन डा. आरके जैन ने किया। धर्मसभा में अतुल जैन, जयप्रकाश जैन, रोशन लाल जैन, जयंती प्रसाद जैन, सुनील जैन, सुरेंद्र जैन, गीता जैन, अनीता जैन, दीपा जैन, सिम्मी जन, पूनम जैन आदि मौजूद थे।