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एक सप्ताह पहले छोड़ दिया था आरोपी ने गांव

बिनौली(बागपत) : सिरसली गांव में फायरमैन भूपेंद्र की हत्या करने से पहले फुलप्रूफ योजना बनाई गई। परिवा

By Edited By: Published: Tue, 27 Sep 2016 11:11 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2016 11:11 PM (IST)
एक सप्ताह पहले छोड़ दिया था आरोपी ने गांव

बिनौली(बागपत) : सिरसली गांव में फायरमैन भूपेंद्र की हत्या करने से पहले फुलप्रूफ योजना बनाई गई। परिवार के किसी सदस्य पर कोई आफत न आए, इसके लिए आरोपी सतेंद्र ने अपने परिवार के सभी लोगों और घर का सारा सामान एक सप्ताह पूर्व ही गांव से बाहर किसी दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया था, जिसकी पड़ोसियों को भी भनक नहीं लगने दी गई।

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पुलिस के मुताबिक घर का ताला लगा देखकर कुछ लोगों ने कई बार सतेंद्र के मोबाइल नंबर पर काल भी की, लेकिन हर बार सतेंद्र बहकाता रहा कि जल्द ही वह लोग आ जाएंगे। रात्रि में कई बार सतेंद्र घर आता था और उसके साथ दो अन्य युवक भी रहते थे। सोमवार देर रात्रि भी सतेंद्र अपने दोनों साथियों के साथ घर आया था। मंगलवार अलसुबह करीब पांच बजे तीनों घर के बाहर कुर्सी डालकर बैठे हुए थे। जब भूपेंद्र उनके घर के बाहर से निकला तो उस पर गोलियों की बौछार कर दी गई।

परिवार में कोहराम मचा

मृतक भूपेंद्र की पत्नी उर्मिला व मां संतोष देवी के अलावा अन्य सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक के पुत्र अक्षय व रोबिन भी पिता की मौत से बेहाल हैं। उनके चाचा मास्टर सुखपाल ने बताया कि भूपेंद्र के जाने के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। रिश्तेदार व गांव के लोग पीड़ितों को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं।

घटनास्थल पर मिले 12 बोर के खोखे

पुलिस ने घटनास्थल से 12 बोर की बंदूक के तीन खोखे बरामद किए हैं। इनके अलावा अन्य हथियारों के भी खोखे पुलिस को मिले हैं। माना जा रहा है कि बदमाशों के पास अत्याधुनिक हथियार भी थे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

गांव में और बह सकता है खून

भूपेंद्र की मौत के बाद गांव में खूनी रंजिश होने की आशंका प्रबल हो गई है। क्योंकि वर्चस्व की जंग दोनों पक्षों के बीच छिड़ चुकी है। यदि पुलिस सक्रियता नहीं दिखाती है तो खूनी खेल होने से कोई नहीं रोक सकता।

पत्नी ने लड़ा था चुनाव

मृतक भूपेंद्र की पत्नी उर्मिला ने इस बार ग्राम प्रधान पद का चुनाव लड़ा था, लेकिन इसमें वह हार गई। इससे पहले भी उर्मिला एक बार इसी पद पर हार चुकी हैं। हालांकि एक बार वह ग्राम प्रधान रही। चुनावी रंजिश को लेकर भी भूपेंद्र और सतेंद्र के बीच वर्चस्व चल रहा था।

ग्राम प्रधान पर भी लगाया आरोप

मृतक के भाई मास्टर जितेंद्र तोमर ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान राजू तोमर का भी हत्याकांड में हाथ रहा है। उसी के कारण उनके भाई की हत्या हुई है। हालांकि बाद में ग्राम प्रधान को उन्होंने नामजद नहीं किया। राजू तोमर का कहना है कि उनका मामले से कोई लेना-देना नहीं है।


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