तीन माह पूर्व लिखी गई हत्याकांड की पटकथा
बिनौली(बागपत): फायरमैन भूपेंद्र हत्याकांड की पटकथा करीब तीन माह पूर्व ही लिखी जा चुकी थी। अपने बेटे
बिनौली(बागपत): फायरमैन भूपेंद्र हत्याकांड की पटकथा करीब तीन माह पूर्व ही लिखी जा चुकी थी। अपने बेटे आयुष की गिरफ्तारी को लेकर परेशान चल रहा मुख्य आरोपी सतेंद्र कई बार भूपेंद्र को हत्या की धमकी दे चुका था। इसके बाद से वह लगातार शूटर्स की तलाश में जुट गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार उधम ¨सह गिरोह से कनेक्शन होने के कारण आरोपी ने उसी गैंग के शूटर्स की मदद से हत्या की वारदात को अंजाम दिया।
30 जून-16 को जब रोहित व उनके साले विकास पर हमला हुआ था, तो उसी दिन दोनों पक्षों के बीच रंजिश शुरू हो गई थी। सतेंद्र के पुत्र आयुष का कहना था कि उसने जीजा-साले पर इसलिए गोली चलाई कि वह आए दिन उस पर कमेंट करते थे। किसी न किसी बात को लेकर उसे नीचा दिखाने का प्रयास किया जाता था। इससे तंग होकर ही उसने जीजा-साले पर हमला किया, ताकि वह डर जाएं। इसके बाद पुलिस ने आयुष को जेल भेज दिया। बेटा सलाखों के पीछे गया तो सतेंद्र बेहद परेशान हो गया और उसने कई बार भूपेंद्र को समझाया कि वह विकास पक्ष की पैरवी करना बंद कर दे, लेकिन इसके बाद भी भूपेंद्र पैरवी करते रहे। इस पर भूपेंद्र को कई बार जान से मारने की धमकी भी दी गई, परंतु भूपेंद्र ने कभी गंभीरता से नहीं लिया। ग्रामीण बताते हैं कि हत्यारोपी ने तीन माह पूर्व ही भूपेंद्र को मारने की योजना बना ली थी। बताते हैं कि भूपेंद्र को काफी पहले मारा जा चुका होता, परंतु इस तरह का सतेंद्र को मौका नहीं मिला।
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उधम गिरोह के शूटर
सूत्र बताते हैं कि उधम ¨सह गिरोह के दो शूटरों को वह काफी दिन से अपने साथ रखता था, ताकि जहां भी मौका मिले, भूपेंद्र की हत्या की जा सके। मंगलवार सुबह उन्हें सटीक सूचना मिली कि भूपेंद्र उनके घर के सामने से निकलेगा, इस पर उन्होंने तैयारी कर वारदात को अंजाम दे दिया।
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गांव में सनसनी
ग्रामीण बताते हैं कि हमलावरों के जाने के बाद भी कोई ग्रामीण घटनास्थल पर नहीं पहुंचा। करीब पांच मिनट तक शव लावारिस हाल में पड़ा रहा। जब घरवाले पहुंचे तो ही ग्रामीणों ने आगे आने की हिम्मत जुटाई।