रखवाला अभी सो रहा है.
बड़ौत(बागपत): सिहरन भरी अंधेरी रात में यदि रात 12 बजे के बाद घर से बाहर निकलते हैं तो किसी भी अनहोनी
बड़ौत(बागपत): सिहरन भरी अंधेरी रात में यदि रात 12 बजे के बाद घर से बाहर निकलते हैं तो किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए तैयार रहें। पुलिस से सुरक्षा की उम्मीद लगाकर सफर पर निकले हैं तो भूल जाइये, क्योंकि घड़ी में रात के 12 बजते ही रखवाला सो जाता है। शहर के संवेदनशील चौक-चौराहों से लेकर हाइवे पर सुरक्षा के बंदोबस्त नहीं हैं। दैनिक जागरण टीम ने शुक्रवार रात्रि हाइवे और पुलिस चौकियों का जायजा लिया तो एकबारगी लगा कि पुलिस खुद बदमाशों से डरी है। खाली पड़ी चौकियां इस इंतजार में थीं कि कोई आकर उनकी कमान संभाले।
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स्थान : बड़ौत कोतवाली
समय : रात्रि 12.30 बजे
कोतवाली में अंधेरा पसरा हुआ था और दफ्तर में कुछ पुलिसकर्मी फाइलों में उलझे हुए थे। कोतवाली के बाहर कोई सुरक्षा कर्मी नजर नहीं आया। कोतवाली के आसपास गश्त करने वाली फैंटम भी नदारद थी। काफी खोजने पर भी वह कोतवाली से दिल्ली-यमुनोत्री हाइवे तक कहीं दिखी।
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स्थान : दिल्ली बस स्टैंड पुलिस चौकी
समय : 12:45 बजे
यहां पर एक भी पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था। दिल्ली हाइवे स्थित इस चौकी के अलावा हाइवे पर भी सुरक्षा के इंतजाम दिखाई नहीं दिए। घने अंधेरे में एक-दो वाहन गुजरते दिखे और कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनाई दे रही थी। सुरक्षा का दावा करने वाली खाकी न तो इस चौकी पर थी और न ही हाइवे पर।
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स्थान : औद्योगिक क्षेत्र पुलिस चौकी
समय : 1:00 बजे
यह पुलिस चौकी बड़ौत शहर की सीमा स्थित दिल्ली हाइवे पर ही है। यहां भी व्यवस्था ध्वस्त नजर आई। अंधेरे में बस कुत्तों के रोने की आवाज सुनाई दे रही थी। पुलिस कर्मी दूर-दूर तक नहीं दिखा।
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स्थान : बिनौली रोड पुलिस चौकी
समय : 1:25 बजे
इस चौकी पर एक पुलिसकर्मी मौजूद था, लेकिन वह चादर ओढ़कर आराम फरमा रहा था। यहां भी सुरक्षा व्यवस्था दूर-दूर तक नजर नहीं आई। यह चौकी बड़ौत-मेरठ मार्ग पर बड़ौत की सीमा पर है। यहां ढीली सुरक्षा व्यवस्था का लाभ उठाकर अपराधी बड़ौत में आसानी से एंट्री कर सकते हैं।
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स्थान : बाजार पुलिस चौकी
समय : 1:45 बजे
यहां पर भी पुलिसकर्मी नजर नहीं आए। चौकी पर सन्नाटा पसरा था। शहर के मुख्य मार्ग पर स्थित एक चौकी के अलावा इससे दस कदम दूर फूंस वाली मस्जिद के पास दो पुलिसकर्मी नजर आए।
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इन्होंने कहा..
रात्रि में सभी पुलिस चौकियों और कोतवाली में पुलिसकर्मी रहते हैं। हो सकता है दबिश के मामले में सारा स्टाफ एक साथ कहीं गया हो, लेकिन ऐसा संभव नहीं लगता कि एक साथ सभी चौकियों पर पुलिसकर्मी नदारद रहें।
सीपी ¨सह, सीओ-बड़ौत।