निकासी व्यवस्था न होने पर छोड़ा आधे हिस्से में पानी
खेकड़ा(बागपत) : बसी गांव में गंदे पानी की निकासी व्यवस्था न होने से परेशान ग्रामीणों ने खुद चुके ताला
खेकड़ा(बागपत) : बसी गांव में गंदे पानी की निकासी व्यवस्था न होने से परेशान ग्रामीणों ने खुद चुके तालाब के आधे हिस्से में पानी छोड़ दिया है। तालाब के बीच मजबूत मेढ़ बनाकर दूसरी तरफ खोदाई का कार्य चालू कर दिया है। ग्रामीणों के मुताबिक, एक सप्ताह के भीतर पूरे तालाब की गंदगी बाहर निकाल दी जाएगी।
बसी गांव में जनता इंटर कालेज के पास स्थित प्राचीन तालाब की खोदाई का कार्य महिला ग्राम प्रधान मुकेश देवी के पति र¨वद्र के प्रयास से करीब एक पखवाड़े से निरंतर चल रहा है। पखवाड़े के भीतर पोर्कलेन व जेसीबी की मदद से तालाब के आधे हिस्से से हजारों ट्राली मिट्टी निकालकर बाहर डाली जा चुकी है। गांव के गंदे पानी की निकासी व्यवस्था न होने के कारण अधिकांश पानी तालाब पर ही पहुंचता था। इसके लिए तालाब के बाहर गड्ढा भी खुदवाया था, लेकिन रात के समय फिर पानी तालाब में भर जाता था। शनिवार को पानी रोकने से परेशान हो चुके ग्रामीणों ने खोदाई हो चुके हिस्से पर मिट्टी की मजबूर मेढ़ बनवाकर पानी खोल दिया। इससे सारा पानी तालाब में जाने लगा है। मेढ़ बनाने के बाद पोकलेन व जेसीबी मशीन खोदाई कार्य में जुट गई हैं। ग्राम प्रधान पति र¨वद्र ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर बचे हुए तालाब की सफाई का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले जिस हिस्से की सफाई की गई थी वहां अधिक गंदगी थी। इसके चलते सफाई करने में अधिक समय लगा। बीच-बीच में तालाब में भराने वाला पानी भी बाधक बना हुआ था। अब खोदाई के दौरान किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी, जिससे कार्य सप्ताह भर में पूरा हो जाएगा।
जागरण की प्रेरणा से हो रही खोदाई
ग्राम प्रधान पति र¨वद्र व अन्य ग्रामीणों ने 'दैनिक जागरण' की सराहना करते हुए कहा कि 'दैनिक जागरण' की मुहिम के चलते ही तालाब की सफाई व खोदाई का कार्य चल रहा है। जागरण का यह प्रयास पूरे देश में सराहनीय हो रहा है।