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'आदर्श ग्राम' पलड़ी की नहीं बदली सूरत

जागरण संवाददाता, बड़ौत (बागपत) : भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने पर भी सांसद के गोद लिए आदर्श ग्राम प

By Edited By: Published: Mon, 30 May 2016 06:34 PM (IST)Updated: Mon, 30 May 2016 06:34 PM (IST)
'आदर्श ग्राम' पलड़ी की नहीं बदली सूरत

जागरण संवाददाता, बड़ौत (बागपत) : भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने पर भी सांसद के गोद लिए आदर्श ग्राम पलड़ी की तस्वीर नहीं बदल सकी है। हालात कुछ हद तक बदलते हैं तो प्रदेश सरकार विकास की 'गाड़ी' में 'ब्रेक' मार देती है। नतीजतन, स्थिति जस की तस हैं और दो साल में हौले-हौले ही विकास योजनाएं आगे बढ़ सकी हैं। सांसद के सकारात्मक रुख से ग्रामीण खुश हैं लेकिन प्रदेश सरकार के रवैये से खफा। सड़कों पर 'नदियां' नजर आती हैं तो गांव के 'समंदर' में गंदगी ही गंदगी। आजिज आ चुके ग्रामीण कहते हैं, इससे अच्छा तो सांसद गांव को गोद ही नहीं लेते।

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बागपत से भाजपा सांसद डा. सत्यपाल ¨सह ने दो वर्ष पूर्व बागपत जिले के पलड़ी गांव को गोद लिया था। विकास कार्यों से दूर गांव में बदहाली नजर आती थी। अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान सांसद ने वहां तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने और विकास कार्य कराने का दावा किया था, पर अभी तक कुछ खास वहां नहीं हो सका है। इसकी वजह है कि जब सांसद किसी योजना का क्रियान्वयन गांव में करने का प्रस्ताव रखते हैं तो प्रदेश सरकार जिलाधिकारी का तबादला कर देती है। दो साल में चार डीएम इधर-उधर किए गए। इन परिस्थितियों में वह योजनाएं ठंडे बस्ते में चली जाती हैं और जब तक अगला डीएम उनके प्रस्ताव को समझता है तो फिर उसका भी तबादला हो जाता है।

ये हैं सूरत-ए-हाल

'दैनिक जागरण' टीम ने गांव का दौरा किया तो वहां गंदगी ही गंदगी नजर आईं। सड़कें ऐसी थी कि मानों किसी नदी से गुजर रहे हों। गांव के चारों तालाब गंदगी से अटे पड़े हैं। मामूली बारिश हो जाए तो गंदगी लोगों के घरों में घुस जाती है। जर्जर विद्युत खंभे, टूटे-फूटे खड़ंजे गवाही देते हैं कि वहां कोई ठोस कार्य नहीं हुआ। जल निगम की एक टंकी हैं। आपूर्ति करने वाले पाइप फटे पड़े हैं। 1975 में ग्रामीणों ने चौपाल बनवाई थी, जो अब खंडहर बनती जा रही है। हालांकि विधवा, वृद्धा और विकलांग पेंशन जरूर बनी हैं। कुछ लोगों के प्रस्ताव सांसद ने जिला समाज कल्याण अधिकारी के पास दिए भी हैं।

सांसद के वायदे

-प्रत्येक चौराहे सीसीटीवी कैमरे होंगे।

-तालाबों का सुंदरीकरण होगा।

-जल निकासी के लिए सीवर लाइन बिछेंगीं।

-विद्युत व्यवस्था दुरुस्त कराई जाएगी।

-पात्र लोगों को पेंशन का लाभ मिलेगा।

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क्यों गोद लिया गांव?

महिला सुदेश देवी, अंगूरी, कृष्णा, शिवकुमार, श्रीपाल शर्मा, यामीन खां ने बताया कि गोद लेने का कोई फायदा नहीं है। गांव में विकास कार्य नहीं किए जा रहे हैं। इससे अच्छा तो यह रहता कि गांव को गोद ही नहीं लिया जाता। उन्हें उम्मीद है कि सांसद गांव में विकास कार्य शीघ्र ही करा देंगे।

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ये कराए कार्य

-गांव में बैंक शाखा खुलवाई।

-गांव के इंटर कालेज में शौचालय बनवाए।

-शुद्ध पानी के लिए इंटर कालेज में आरओ लगवाया।

-पूरे गांव में सोलर लाइट लगवाई।

-महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तीन-तीन माह के कैंप कराए।

-छोटे-छोटे उद्योग की स्थापना के लिए कैंप लगवाया। अब दो लोगों ने उद्योग स्थापित भी कर लिए हैं।

-तालाब की सफाई कराई, लेकिन बीच में ही रोक दी गई।

-शांति व्यवस्था के लिए गांव में कमेटी बनाई, जो गांव के विवाद सुलझाती है।

-कृषि मेले के दो शिविर लगवाए। गांव में बिजली समस्याओं का समाधान करने के लिए 85 लाख रुपये स्वीकृत कराए।

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सांसद ने कहा..

योजनाओं का क्रियान्वयन होने से पहले ही डीएम का तबादला हो जाता है। फिर भी मैं अपनी निधि से गांव में विकास कार्य करा रहा हूं।

-डा. सत्यपाल ¨सह,

सांसद, बागपत लोकसभा क्षेत्र।


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