66 लाख के गबन में रिटायर्ड शाखा प्रबंधक को जेल
जागरण संवाददाता, बागपत : सात साल पहले इलाहाबाद बैंक की बागपत स्थित शाखा में हुए 66 लाख के गबन में वा
जागरण संवाददाता, बागपत : सात साल पहले इलाहाबाद बैंक की बागपत स्थित शाखा में हुए 66 लाख के गबन में वांछित रिटायर्ड शाखा प्रबंधक को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। यहां से उसे जेल भेज दिया गया है। इस मामले में 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा कायम किया गया है। इसमें एक आरोपी को पहले ही जेल भेजा जा चुका है।
क्राइम ब्रांच की विवेचना सेल के प्रभारी राजेंद्र ¨सह ने बताया कि पिछले साल इलाहाबाद बैंक की बड़ौत रोड स्थित शाखा के प्रबंधक (वर्तमान में धौलड़ी रघुनाथपुर शाखा) नरेंद्र कुमार ने कोतवाली में मुकदमा कायम कराया था। कहा था कि वर्ष 2009 में सहेंद्र पुत्र कृष्णपाल निवासी गुराना, श्रवण पुत्र कृष्णपाल निवासी रमाला, रमेश व नरेश पुत्रगण टीकाराम, जयपाल पुत्र राजपाल व महक ¨सह पुत्र हरनारायण निवासी सरूरपुर कलां, राजफूल पुत्र आशाराम निवासी ट्योढ़ी व कृष्णपाल पुत्र उमराव निवासी बड़ौली के नाम से फर्जीवाड़ा कर लगभग 66 लाख रुपए का कृषि ऋण लिया गया था। यह ऋण इलाहाबाद बैंक शाखा, बागपत से वर्ष जनवरी-09 से मार्च-09 तक निकाला गया। उस समय शाखा प्रबंधक अनिल गोपाल गर्ग थे, जो पिछले साल मुजफ्फरनगर से सेवानिवृत्त हो गए थे। विवेचना में ऋण संबंधी फाइलों की जांच करने वाले बड़ौत तहसील के वकील बलदेव अग्रवाल व शाखा के फील्ड अफसर जगत ¨सह को भी आरोपी बनाया था। फर्जीवाड़ा कर ऋण निकालने वाले र¨वद्र, जितेंद्र व पप्पू निवासी छपरौली के खिलाफ भी मुकदमा कायम कराया गया था। फर्जीवाड़ा करने वाले 13 लोग को मुकदमे में आरोपी थे। राजेंद्र ¨सह ने बताया कि फर्जीवाड़ा के संबंध में अलग-अलग आठ मुकदमे कायम हुए थे। इनमें से तीन मुकदमों की विवेचना वह खुद कर रहे थे। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था। इस मामले में पिछले माह आरोपी राजफूल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था जबकि वांछित चल रहे रिटायर्ड शाखा प्रबंधक अनिल गोपाल गर्ग निवासी भरतिया कालोनी (मुजफ्फरनगर) को शुक्रवार को इसी संबंध में कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था। वहीं पर उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। यहां से उन्हें जेल भेज दिया। लाखों के इस मुकदमे में वांछित चल रहे अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। उधर, जेल जाने से पहले रिटायर्ड शाखा प्रबंधक अनिल गोपाल गर्ग ने बताया कि सात साल पहले जब वह बागपत में थे तो कुछ लोगों ने उन्हें विश्वास में लेकर फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए का कृषि ऋण निकाल लिया था। फर्जीवाड़े का उन्हें बाद में पता चल पाया था।