निर्यात-आयात शुल्क घटे तो उद्योग चमकें
जागरण संवाददाता, खेकड़ा : केंद्र सरकार बजट में हैंडलूम समेत सभी उधमियों को प्रोत्साहित किया जाए तो उद
जागरण संवाददाता, खेकड़ा : केंद्र सरकार बजट में हैंडलूम समेत सभी उधमियों को प्रोत्साहित किया जाए तो उद्योगों को संजीवनी मिल सकती है। कृषि की तरह हैंडलूम उद्यमियों को आयकर में छूट मिलने से उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे बेरोजगारी भी कम होगी। माल निर्यात-आयात प्रक्रिया को सरल बनाने व शुल्क घटाने की भी जरूरत है, ताकि दम तोड़ते उद्योग का वजूद बच सके। ऐसा कहना है खेकड़ा के हैंडलूम उद्यमियों का।
वीवटेक्स कंपनी के डायरेक्टर योगेंद्र जैन का कहना है कि केंद्र सरकार को चाहिए कि बजट में लघु व बड़े उद्योगों के हितों का ध्यान रखे। विदेशों से मंगाए जाने वाले माल व मशीनरी पर आयात शुल्क में छूट दी जाए। बजट में उद्योगों के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान होना चाहिए। तैयार माल विदेश भेजने की औपचारिकताएं जटिल है जिससे व्यापारी कम आते हैं। आयात शुल्क घटाया जाए और उसे चुकाने की प्रक्रिया सरल बनानी चाहिए। सरकार और उद्यमियों के बीच सतत संवाद बनाए रखने को कार्यक्रम आयोजित कराने की व्यवस्था भी बजट में होनी चाहिए। इससे सरकार को उद्योगों की समस्याओं का पता चलता रहेगा और छोटे उद्योग डूबने से बच सकेंगे।
कोंटीनेंटल ओवरसीज के डायरेक्टर सुरेश अग्रवाल का कहना है, केंद्र सरकार बजट में ऐसा प्रावधान करे कि उनको मशीनें बाहर से न मंगानी पड़ें। विदेशी तर्ज पर मशीनों का उत्पादन अपने देश में कराने की व्यवस्था को बढ़ावा देने को बजट में उचित धन राशि का आवंटन करें। इससे इससे उद्यमियों को राहत मिलेगी वहीं रोजगार सृजन ज्यादा होगा। तब युवा शक्ति का सही इस्तेमाल हो सकेगा। कहा कि सरकार कच्चा माल उपलब्ध कराए और तैयार माल विदेशों में भेजने की व्यवस्था करें। इससे जहां देश को विदेशी मुद्रा मिलेगी वहीं उद्यमियों को उत्पाद का उचित दाम मिलेगा।
खेकड़ा हैंडलूम मैन्यूफैक्चर्स एंड एक्सपोर्ट एसोसिएशन के सचिव मुकेश गुप्ता का मानना है जिस प्रकार केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में छूट प्रदान करती है, उसी प्रकार उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रकार के करों में छूट प्रदान की जाए। उन्होंने बताया, करीब 20 साल पहले तक टैक्स में 100 प्रतिशत की छूट प्राप्त थी जो अब समाप्त कर दी गई है, इसी वजह से हैंडलूम उद्योग नीचे की ओर आया है। उद्यमी प्रमोद जैन का कहना है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मेक इन इंडिया का नारा तभी साकार होगा जब बजट में छोटे उद्योगों को बचाने को विशेष पैकेज दिया जाएगा। उद्योगों के लिए काम आने वाली मशीनों को वैट तथा अन्य करों से छूट दी जाए। तैयार माल दूसरे देशों में भेजने को छोटे उद्यमियों को अनुदान मिलना चाहिए।