किसानों के ठिठुरने पर भी नहीं पसीजा अधिकारियों का दिल
संवाद सूत्र, चांदीनगर (खेकड़ा) : शरफाबाद में जंगल में धरने पर बैठे किसानों को ठिठुरता हुआ देखने के बा
संवाद सूत्र, चांदीनगर (खेकड़ा) : शरफाबाद में जंगल में धरने पर बैठे किसानों को ठिठुरता हुआ देखने के बाद भी एनएचआई और प्रशासन का दिल नहीं पसीजा है। ठंड से बचाव के लिए प्रशासन की ओर से किसानों को कोई सहायता नहीं मिल रही है। परेशान किसानों ने जंगल से लकड़ियां एकत्र कर तापने की व्यवस्था कर रहे हैं।
एक्सप्रेस-वे की अधिग्रहित भूमि के बढ़े हुए मुआवजे की मांग को लेकर क्षेत्र के 11 गांव के किसान शरफाबाद के जंगल में 35 दिन से धरनारत हैं। धरना शुरु होने के कुछ दिनों तक पुलिस-प्रशासन व एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर रही कंपनी के अधिकारियों ने भी किसानों से वार्ता की लेकिन बढ़े मुआवजे की मांग को देखते हुए सभी वापस लौट गए। चार दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड में किसान खुले आसमान व जंगल के बीच रात गुजारने को मजबूर है। किसानों को ठिठुरता देखने के बाद भी निर्माण कंपनी व प्रशासन का दिल नहीं पसीज रहा है। इतना ही नहीं ठंड बढ़ने पर प्रशासन की ओर से किसानों के तापने के लिए अलाव की व्यवस्था भी नहीं की जा रही है। किसान आसपास के जंगल से लकड़ियों का इंतजाम कर तापने की व्यवस्था कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब शासन-प्रशासन की ओर से ठंड के मौसम में भी कोई सुविधा नहीं मिल रही है तो मुआवजा लेने तक धरना जारी रहेगा। मुआवजे की मांग को लेकर वे किसी भी प्रकार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। धरनास्थल पर काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।