प्रत्याशियों की पहरेदारी, समर्थकों का डेरा
जागरण संवाददाता, बागपत : चुनाव से एक दिन पहली रात को गांवों में 'इम्तिहान की रात' कहा जाता है। यह वो
जागरण संवाददाता, बागपत : चुनाव से एक दिन पहली रात को गांवों में 'इम्तिहान की रात' कहा जाता है। यह वोटों के जोड़तोड़ की रात होती है। इसी रात में प्रत्याशी अपने-अपने समर्थकों के मोहल्लों में डेरा डाले रहते हैं और दूसरे प्रत्याशी की घुसपैठ पर निगाह भी रखते हैं। जिन प्रत्याशियों को अपने मतदाता दूसरे के पास खिसकते दिखाई देते हैं उनको शराब और पैसे का लालच देकर रोका जाता है। खास बात यह है कि इसी रात को प्रत्याशी साम, दाम, दंड, भेद अपनाने से भी पीछे नहीं हटते हैं।
जी हां, बड़ौत ब्लाक के 44 गांवों में ग्राम पंचायत का चुनाव होना है और चुनाव से एक दिन पहली रात को यही सब चलता रहा। देर शाम से ही इसकी सूचनाएं आनी शुरू हो गई। लोग बताते हैं कि प्रत्याशी चाहे कितने दिन से ही चुनाव प्रचार कर रहा हो लेकिन चुनाव से पहली रात को चुनाव के समीकरण बदलते देखे हैं। इस रात प्रत्याशियों को अपने मतदाताओं के संपर्क में रहना पड़ता है। शायद ही कोई ऐसा गांव होगा, जिसमें प्रत्याशियों ने अपने-अपने समर्थकों के मोहल्लों में देर शाम से ही डेरा न डाला हो। बिजरौल, बावली, बड़ौली, बड़का, ढिकाना, जलालपुर, हिलवाड़ी, कोताना आदि गांव में प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों को मिठाइयां ही नहीं बल्कि शराब भी बांटी। कई स्थानों पर रुपए भी बांटे जाने की सूचना हैं। हालांकि चुनाव से एक दिन पहले ही संबंधित गांव में पुलिस डेरा डाल लिया लेकिन इस सब बातों की पुलिस को भनक तक नहीं लग पायी। एएसपी विद्या सागर मिश्र का कहना है कि थानावार पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि चुनाव से पहली रात को सभी गांवों में नजर रखी जाए और कोई भी मतदाताओं को किसी तरह का प्रलोभन न देने पाए।