पीर फकीर ही देते हुए प्रभु नाम की शिक्षा: गुरमीत
बिनौली : डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज के पवित्र अवतार महीने के खुशी मे
बिनौली : डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज के पवित्र अवतार महीने के खुशी में बरनावा स्थित डेरा सच्चा सौदा आश्रम में रुहानी सत्संग और विशाल भंड़ारे का आयोजन किया गया, जिसमें दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शिरकत की।
रविवार को कार्यक्रम के अवसर पर आश्रम को रंग-बिरंगी झंडियों और चमकीली झालरों से सजाया गया। कार्यक्रम में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल, दिल्ली व यूपी के कई जिलों से लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस मौके पर संत गुरमीत राम रहीम ¨सह इंसा ने कहा कि जिस तरह एक मां के अंदर बच्चे के लिए तड़प होती है, यदि उसी प्रकार की भावना प्रभु के प्रति हो तो ईश्वर के दर्शन अवश्य होंगे। कहा कि दुनियावी काम धंधे तो सभी लोग अपने आप सीख जाते हैं मगर मालिक का नाम जपना अपने आप से नहीं सीखा जाता। पीर फकीर आकर ही लोगों को राम नाम की शिक्षा देते हैं। परमात्मा जर्रे-जर्रे में मौजूद है और कोई भी अपनी बुराइयों का पर्दा उस परम शक्ति से नहीं रख सकता। इसीलिए सतगुरु के सामने अपनी गलती कबूल कर माफी मांग लेनी चाहिए। बेपरवाह शाह मस्ताना के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह बचपन से ही बेहद दयालु थे और हमेशा जरूरतमंदों की मदद करना अपना प्रथम कर्तव्य मानते थे। उन्होंने 1947 में डरा सच्चा सौदा की नींव रखी और सामाजिक बुराइयों में लिप्त लोगों को रामनाम से जोड़कर मनुष्य जन्म का महत्व समझाया।
सत्संग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंगदान मुहिम पर उन्होंने कहा कि डेरा सच्चा सौदा में लाखों लोगों ने अंगदान का प्रण लिया हुआ है, जिनमें करीब 60 हजार लोगों ने जीते जी गुर्दादान करने का संकल्प ले रखा है। उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से अंगदान की कानूनी प्रक्रिया को सरल बनाने का आह्वान किया ताकि जरूरतमंदों की सही समय पर जान बचाई जा सके।