हमारी रंजिश जरूर थी, पर हम कातिल नहीं
जागरण संवाददाता, बड़ौत : बावली के दोहरे हत्याकांड में पकड़े गए दोनों आरोपियों ने कहा कि 'उनकी रंजिश जर
जागरण संवाददाता, बड़ौत : बावली के दोहरे हत्याकांड में पकड़े गए दोनों आरोपियों ने कहा कि 'उनकी रंजिश जरूर थी, पर वह कातिल नहीं हैं।'12 हजारी अजित उर्फ हप्पू से उनका कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि पुलिस को उनकी बातों पर विश्वास नहीं है।
पकड़े गए दीपक तोमर ने बताया कि तीन माह पूर्व वह राजकुमार व जयवीर के घर के सामने से बाइक पर गुजर रहा था। इस दौरान दोनों भाइयों ने उसे पिस्टल दिखाई और जानलेवा हमला बोल दिया था। आरोप है, दोनों भाई कहते थे कि दीपक उन्हें नमस्कार नहीं करता है और उनके पड़ोसी युवक को नमस्कार करता था। वह गांव में अपना वर्चस्व चाहते थे और इसी कारण आए दिन लड़ाई करते थे। इस घटना के बाद वह अपने मामा के यहां चला गया था और तब से वहीं रह रहा था। हाल ही में वह सेना की नौकरी की तैयारी कर रहा था।
शोभित का कहना है कि 2009 में प्लाट के विवाद को लेकर दोनों भाइयों से झगड़ा हो गया था। इसके बाद तीन 3 मई-2010 को उसका भाई तेजवीर भूसे से लदी भैंसा-बुग्गी लेकर उनके घर के सामने से गुजरा तो उसकी दोनों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
शोभित ने पैरवी की तो गांव-समाज ने रंजिश खत्म करने के लिए पंचायत की, जिसके बाद समझौता हो गया। हत्याकांड में हप्पू गवाह बना था। 17 अगस्त को भी वह अपने खेत में था और जब पता चला कि उनके कुटुंब के ब्रह्म ¨सह को गोली मार दी गई है तो वह घर से सीधे मेरठ अस्पताल पहुंचा था। दूसरी ओर पुलिस उनकी बातों पर अभी विश्वास नहीं कर रही है और पूछताछ की जा रही है।