आ रहे कांवड़िया शिव के धाम से..
जागरण संवाददाता, बागपत : भगवान आशुतोष को अलग-अलग मुहूर्त में जलाभिषेक करने के मकसद से कांवड़ियों का ह
जागरण संवाददाता, बागपत : भगवान आशुतोष को अलग-अलग मुहूर्त में जलाभिषेक करने के मकसद से कांवड़ियों का हरिद्वार जाने और वहां से लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। कांवड़ियों के स्वागत सत्कार और सेवा के लिए जगह-जगह शिविर लग गए हैं। भोले के भक्तों की सेवा कर पुण्य कमाने के लिए लोग शिविरों को दान भी कर रहे हैं।
राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली आदि प्रदेशों के तमाम कांवड़िया गंगा जल लेकर लौटने भी लगे हैं। कांवड़िया नंगे पैर और पैदल मीलों सफर तय करते हैं। इससे उनके पैरों में छाले पड़ जाते हैं। जख्मी हो जाते हैं। थकान बुखार आदि से भी ग्रस्त हो जाते हैं। कांवड़िया कोई भी खाने की सामग्री भी लेकर नहीं चलते। इसे देखते हुए जगह-जगह शिविर लगाए जाते हैं। सेवा और पुण्य के भावना से लोग विश्राम व चिकित्सा शिविर लगाते हैं। यहां कांवड़िया रुककर भोजन करते हैं। जलपान करते हैं। सेवक उनका पूरी तल्लीनता के साथ उपचार करते हैं। शिविरों में रुकने की पर्याप्त व्यवस्था होती है। शिव बाबा कांवड़ सेवा समिति नरेला दिल्ली ने गुफावाले बाबा के पास शिविर व भंडारा लगाया है। समिति के आयोजकों ने बताया कि वे 11 साल से लगातार यहां शिविर लगा रहे हैं। उन्हें कांवड़ियों की सेवा में पुण्य नजर आता है। उन्होंने अपील की कि कांवड़िया गंगा को साफ रखने में अपना सहयोग भी करें।