वर्चस्व में कत्ल-ओ-गारत की 'जंग'
बड़ौत :दोघट थाना क्षेत्र का बामनौली गांव वर्चस्व को लेकर रक्तरंजित होता रहा है। गांव में एक तमंचे को
बड़ौत :दोघट थाना क्षेत्र का बामनौली गांव वर्चस्व को लेकर रक्तरंजित होता रहा है। गांव में एक तमंचे को लेकर बिगड़ी बात पर गांगनौली में खूनी रंजिश की शुरुआत हुई। गांगनौली निवासी प्रमोद व सद्दाम गहरे दोस्त थे। कुछ माह पहले सद्दाम मारा गया। पुलिस के अनुसार, 2010 में सद्दाम ने अपने गांव के ही प्रवीण को एक तमंचा दिया था। कुछ दिन बाद सद्दाम ने तमंचा वापस मांगा तो उसने नहीं दिया। इसके बाद प्रवीण पुसार में हुई हत्या के एक मामले में जेल चला गया, जहां सद्दाम भी एक मामले में उसी जेल में बंद था और उसने प्रवीण की पिटाई कर डाली। प्रमोद को डर था कि कहीं प्रवीण गांव का डॉन न बन जाए। 2011 में दोनों जेल से बाहर आ गए और सद्दाम व प्रमोद ने मिलकर वर्चस्व को लेकर 12 सितंबर-12 को प्रवीण को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद तो दोनों ने एक के बाद एक हत्याएं की। हत्या के मामले में गवाह बनने पर प्रवीण के चचेरे भाई संजू को भी मौत के घाट उतार दिया गया। 13 अगस्त-12 को इन्हीं के परिवार के राजेंद्र को गोली मार दी गई। इसके बाद 13 नवंबर-13 को रामवीर व उसकी पत्नी सरोज की पुलिस सुरक्षा में हत्या कर दी गई। हत्याकांड में पैरवी करने पर फिर संजू के भाई पप्पू की हत्या भी कर दी। पुलिस के मुताबिक, इसी बीच दोघट में नैन ¨सह व जितेंद्र की हत्या कर शव खेत में दबा दिए गए। 8 नवंबर-14 का सुधीर की मुखबिरी के शक में हत्या कर दी। इसके बाद आदित्य उर्फ चट्टान की हत्या में नाम सामने आया। कुछ माह पहले ही परीक्षित निवासी गांगनौली को भी गोलियों से भूनकर मौत की नींद सुला दिया। प्रमोद को डर था कि कहीं अब परीक्षित उसकी जगह पर हासिल न कर लें। परीक्षित भी प्रमोद का खात्मा करने के लिए पुलिस का मुखबिर बन गया था। इस मामले में में प्रमोद व उसके भाई रवि पर उसकी हत्या का आरोप लगाया गया। इसके अलावा फुगाना में एक हत्या के मामले में प्रमोद पर केस दर्ज है।
रिटायर्ड शिक्षक हैं प्रमोद के पिता
प्रमोद गांगनौली के पिता सतवीर राठी रिटायर्ड शिक्षक हैं। बेटे पर हत्या के आरोप लगे तो उन पर भी लांछन लगा और मुकदमा दर्ज करा दिया गया। दोघट थाना पुलिस के अनुसार, सतवीर फिलहाल फरार है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।
ढाई हजार से एक लाख तक का सफर
गांव में प्रवीण से मारपीट के मामले में प्रमोद राठी पर सबसे पहले मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद उसे अपने दोस्त सद्दाम के साथ मिलकर प्रवीण की हत्या कर दी। मामले में फरार रहने पर उस पर ढाई हजार रुपये का इनाम हुआ। कई माह बाद भी नहीं पकड़ा गया तो उस पर दस हजार रुपये इनाम की घोषणा हुई। फिर पचास हजार अब वर्तमान में एक लाख रुपये का उस पर इनाम था।
30 मुकदमे दर्ज, 12 हत्या के
दोघट थाना पुलिस के अनुसार, प्रमोद पर करीब 30 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें 12 मुकदमे हत्या के हैं। रंजिशन हत्याओं को अंजाम देने वाले इस बदमाश पर कभी रंगदारी आदि मांगने का मुकदमा दर्ज नहीं हुआ।
जरायम का बादशाह था अविवाहित
ग्रामीण बताते हैं कि प्रमोद शादी करना चाहता था, लेकिन अपराधिक छवि होने के कारण पहले उसकी शादी नहीं हो सकी और बाद में उसने नहीं की।