Move to Jagran APP

एक ही परिवार में हुए थे पांच ऐलानिया कत्ल

बागपत : गांव में प्रवीण और संजीव के साथ वर्चस्व की लड़ाई को लेकर प्रमोद और सद्दाम ने तीन साल पहले हथि

By Edited By: Published: Tue, 04 Aug 2015 12:10 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2015 12:10 AM (IST)
एक ही परिवार में हुए थे पांच ऐलानिया कत्ल

बागपत : गांव में प्रवीण और संजीव के साथ वर्चस्व की लड़ाई को लेकर प्रमोद और सद्दाम ने तीन साल पहले हथियार उठाए थे। इसके बाद प्रवीण और संजीव के परिवार को चैन से नहीं बैठने दिया। दोनों ने पहला हमला राजेंद्र पर किया था, जिसमें वह बाल-बाल बच गया था। दोनों के मुकाबले प्रवीण की मां सरोज खड़ी हो गई थी। इसके बाद तो मानो सद़्दाम और प्रमोद के सिर पर खून सवार हो गया हो और एक-एक कर सरोज समेत पांच लोगों का कत्ल कर दिया।

loksabha election banner

दोघट थाना क्षेत्र के गांगनौली गांव में शुरू हुई इस वर्चस्व की लड़ाई में 13 अगस्त-12 को सद्दाम और प्रमोद ने राजेंद्र पर तमंचे से फायर कर दिया था, जिससे वह बाल-बाल बच गया था। इसके बाद दोनों पक्ष खुलकर आमने-सामने आ गए थे। सद्दाम और प्रमोद ने योजना बनाकर 12 सितंबर-12 को गांव में ही प्रवीण की गोली मारकर हत्या कर दी और संजीव के कत्ल का ऐलान कर दिया था। प्रवीण के चचेरे भाई संजीव ने पुलिस सुरक्षा ले ली तो दोनों आरोपियों ने ठीक एक माह बाद पुलिस सुरक्षा में ही संजीव को कत्ल कर दिया गया। खूनी खेल यही खत्म नहीं हुआ। प्रवीण की मां सरोज दोनों के खिलाफ खड़ी हो गई। इसके बाद सद्दाम और प्रमोद के निशाने पर सरोज आ गई। सरोज की मांग पर पुलिस ने सुरक्षा मुहैया करा दी, लेकिन दोनों आरोपी नहीं माने और अपने साथियों के साथ खेत से लौटते वक्त पुलिस सुरक्षा में सरोज और उसके पति रामवीर की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। पुलिस सुरक्षा में लगे सिपाहियों के भी हथियार छीनकर उनकी पिटाई की गई। दोहरे हत्याकांड़ के बाद पुलिस ने सद्दाम और प्रमोद को टारगेट पर लिया। इसी बीच सद्दाम को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई। प्रमोद को झटका तो लगा, लेकिन इसके तीन-चार माह बाद ही प्रमोद ने एक बार फिर दुस्साहस करते हुए राजेंद्र के बेटे पप्पू की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। दहशत का आलम यह हो गया था कि पीड़ित परिवार की सुरक्षा में पुलिस ही नहीं पीएएसी भी तैनात हो गई थी।

इनसेट (बाक्स)

खून की तारीख में पांच कत्ल

-13 अगस्त-12: को राजेंद्र पर तमंचों से फायर झोंके।

-12 सितंबर-12: को गांव में ही रामवीर के बेटे प्रवीण की गोली मारकर हत्या ।

-13 अक्टूबर-12: पुलिस सुरक्षा में राजेंद्र के बेटे संजीव की पुलिस सुरक्षा में हत्या।

-15 अगस्त-13: को सरोज के ऊपर पर तमंचों से फायर झोंके।

-13 नवंबर-13: को सरोज और उसके पति रामवीर की पुलिस सुरक्षा में हत्या।

-पिछले साल राजेंद्र के बेटे पप्पू को भी प्रमोद ने पुलिस सुरक्षा में मार दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.