साहूकारों ने छीन लिया गरीबों का 'बिछौना'
जागरण संवाददाता, बड़ौत : उनके लिए तो कभी फुटपाथ ही 'बिछौना' हुआ करता था। खुले आसमां तले रात गुजारना उ
जागरण संवाददाता, बड़ौत : उनके लिए तो कभी फुटपाथ ही 'बिछौना' हुआ करता था। खुले आसमां तले रात गुजारना उनकी मजबूरी थी। मुफलिसी के शिकार लोगों का यह हक भी साहूकारों ने छीन लिया है। हालांकि अब तो गरीब भी अपने 'पथाधिकार' को भूल चुके हैं। खैरख्वाह बनने वाला सरकारी तंत्र भी गरीबों को उनका हक नहीं दिला पा रहा है।
जिनके पास रहने को घर नहीं, खाने को अन्न नहीं। फटे कपड़ों से झांकता हुआ तन। आंखों में कुछ पाने का सपना लिए गरीब लोग आज भी सड़कों पर नजर आते हैं, लेकिन उनकी मदद की बजाय साहूकारों ने उनका 'बिछौना' यानी फुटपाथ भी छीन लिया है। अपनी पेट भरने के लिए साहूकारों ने गरीबों के पेट पर भी लाठी मार दी है। उनके फुटपाथ को सरेआम बोली लगाकर बेचा जा रहा है। बड़ौत के तमाम फुटपाथों को बड़े दुकानदारों ने बेच दिए हैं, लेकिन पुलिस-प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
'बड़े होकर न बने छोटे'
वरिष्ठ नागरिक प्रीतम वर्मा का कहना है, अपने जरा से लालच के लिए साहूकार गरीबों का यह फुटपाथ न छीनें। सरकारी संपत्ति पर अपना हक जताने वाले लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। फुटपाथ खाली न होने के कारण आए दिन जाम की समस्या रहती है और हादसे भी होते रहते हैं। उन्होंने अपील की, अमीर लोग बड़े होकर खुद को छोटा न बनाएं। फुटपाथ को खाली कराकर एक सच्चे शहरी होने का संदेश दें।
छोटे दुकानदार भरते हैं हर्जाना
बड़े दुकानदारों से फुटपाथ को खरीदने वाले छोटे दुकानदार हर्जाना भी भरते हैं। उन्हें व्यापारियों द्वारा पहले ही बता दिया जाता है कि वह अपनी जिम्मेदारी पर ही फुटपाथ पर खड़े हों। यदि कोई अभियान चलता है तो उन्हें फुटपाथ खाली करना होगा। कोई जुर्माना लगता है तो वह भी छोटा दुकानदार ही देगा।
सब सुधरेंगे, हम नहीं बदलेंगे
बड़े दुकानदारों ने तो मानों कसम सी खा ली है कि हम नहीं सुधरेंगे। क्योंकि आए दिन अतिक्रमण हटाओ अभियान भी चलता है, लेकिन दो-चार घंटों बाद पुन: अतिक्रमण कर लिया जाता है। कोई भी व्यापारी अपनी जिम्मेदारी समझने को राजी नहीं है।
इन्होंने कहा..
फुटपाथों को खाली कराने के लिए रूपरेखा बनाई जा चुकी है। शीघ्र ही अभियान शुरू हो जाएगा।
विनय मणि त्रिपाठी, ईओ-बड़ौत।
इस बाबत नगर पालिका को निर्देश दे दिए गए हैं। जल्द ही कार्रवाई कर दी जाएगी।
यशवर्धन श्रीवास्तव, एसडीएम-बड़ौत।