मेरी बात जंच गई और मिलने लगी सांसद निधि
बागपत :अधिकांश को शायद जानकारी नहीं होगी कि सासंद निध कब और किसने शुरू कराई? शनिवार को इसका भेद खोला
बागपत :अधिकांश को शायद जानकारी नहीं होगी कि सासंद निध कब और किसने शुरू कराई? शनिवार को इसका भेद खोला शू¨टग रेंज पर महामहिम राम नाईक ने। बताया, उनकी पहल पर ही सांसद निधि की शुरूआत हुई थी। राज्यपाल ने सांसद निधि की कहानी सुनाते हुए कहा कि सरकार अपने सांसदों के काम करती है। मगर विरोधी दलों से जीतने वाले सांसद होने के बावजूद विकास नहीं करा पाते। भले ही विरोधी दलों के सांसद सरकार के प्रतिनिधि न हो लेकिन उस क्षेत्र के तो सांसद हैं जहां से चुनकर आए हैं। गांव में सरपंच और नगर निकाय में अध्यक्ष को विकास कार्य कराने के अधिकार हैं, लेकिन सांसद के पास इसका हक नहीं था। तक उनकी बात सभी को जंच गई। इस पर तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव ने पहल करते हुए एक करोड़ रुपये सांसद निधि की शुरुआत करा दी। इसी बीच राज्यपाल ने बागपत सांसद की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे महाराष्ट से हैं और पांच बार सांसद तथा तीन बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने जोर दिया कि अगर काम नहीं कराता तो जनता मुझे बार-बार चुनकर सदन में क्यों भेजती।