हाईवे पर अधिकारियों में ठनी
जागरण संवाददाता, बागपत : दिल्ली-सहारनपुर हाईवे के किनारे की बिजली लाइनें शिफ्ट कराने को लेकर ऊर्जा न
जागरण संवाददाता, बागपत : दिल्ली-सहारनपुर हाईवे के किनारे की बिजली लाइनें शिफ्ट कराने को लेकर ऊर्जा निगम तथा उप्र राज्य सड़क प्राधिकरण के अधिकारी आमने-सामने आने से प्रशासन में खलबली है। सीडीओ जेपी रस्तोगी ने विवाद सुलझाने को अधिकारियों की कमेटी का गठन कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
दिल्ली सहारनपुर हाईवे फोर लेन बना है, मगर चार साल बाद भी निर्माण शुरू नहीं हुआ है। अभी सिर्फ मरम्मत करने को 67 करोड़ मिले हैं। बागपत में 51 किमी की मरम्मत को 25 करोड़ मिले हैं। हाइवे का न निर्माण शुरू हुआ और न मरम्मत।
सीडीओ जेपी रस्तोगी ने बताया कि बागपत में हाईवे के निर्माण को 600 पेड़ काटे जाने हैं। इन पेड काटने की अनुमति मिल गई है। मगर वन विभाग व उप्र राज्य सड़क प्राधिकरण अधिकारियों में विवाद बना है। हाइवे किनारे बिजली लाइनें हटाने को भी ऊर्जा निगम तथा उप्र राज्य सड़क प्राधिकरण अधिकारियों में सहमती नहीं बन पाई। ऊर्जा निगम के अधिकारी लाइन हटाने को पेड़ काटने तथा लाइन शिफ्ट करने को खर्च जमा कराने पर जोर दे रहे हैं। ऐसे में विवाद खत्म कराने को राज्य सड़क प्राधिकरण, ऊर्जा निगम और वन विभाग के संबंधित अधिकारियों की कमेटी बना दी है। कमेटी में शामिल अधिकारी हाइवे का निरीक्षण करेंगे तथा विवाद का न्यायोचित समाधान कराकर मरम्मत और निर्माण की अड़चन दूर कराएंगे। सीडीओ ने कमेटी में शामिल लोगों को हाईवे का निरीक्षण कर यह पता लगाने का आदेश दिया कि कितने पेड़ काटने जरूरी हैं?
कहां बिना पेड़ काटे लाइन शिफ्ट हो सकती है और कहां पर केवल पेड़ों की टहनी काटने से काम चल सकता है? कमेटी में शामिल अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद ही प्रशासन आगे कार्रवाई करेगा। बता दें कि हाइवे नहीं बनने से रोज हजारों लोगों को परेशानी होती है। हाइवे पर सड़क नाम की चीज नहीं बची है। गहरे गड्ढ़ों से जहां आवागमन बाधित होता रहता है वहीं दुर्घटनाएं होना आम है।