Move to Jagran APP

'खुद पढ़ना-लिखना सीखा और बेटों को बना दिया जज-वकील'

बागपत : नगर पालिका परिषद, बागपत के चेयरमैन राजूद्दीन पेशे से वकील हैं और उनकी गिनती वरिष्ठ वकीलों मे

By Edited By: Published: Wed, 06 May 2015 11:05 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2015 11:05 PM (IST)
'खुद पढ़ना-लिखना सीखा और बेटों को बना दिया जज-वकील'

बागपत : नगर पालिका परिषद, बागपत के चेयरमैन राजूद्दीन पेशे से वकील हैं और उनकी गिनती वरिष्ठ वकीलों में होती है। आज वे जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, सब उनकी मां आमना खातून (72) की देन है। वे बताते हैं कि पिताजी पुलिस में थे। ऐसे में वे घर से बाहर थे। मां पढ़ी-लिखी नहीं थी, इसलिए वह चाहती थीं कि उनके बच्चे उच्च शिक्षा हासिल करें। उन्होंने मुझे व मेरे भाइयों को पढ़ाने के लिए प्राइमरी में प्रवेश दिलाया। खुद भी पढ़ना लिखना शुरू कर दिया। जल्द ही वे भी साक्षर हो गईं। पिताजी पुलिस में थे, इसलिए वे चाहती थी बच्चों को भी पढ़ालिखा कर ओहदे पर बैठाएं। पिताजी की बीमारी की वजह से उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी। ऐसे में आर्थिक स्थिति गड़बड़ हो गई। मां ने मजदूरी करके घर का खर्च चलाया और उन्हें पढ़ाया लिखाया। उन्होंने ही कानून की पढ़ाई की सलाह दी। छोटा भाई उनकी लगातार प्रेरणा से जज बन गया, जबकि वे वकील बन गए। बताते हैं कि मां हमेशा शिक्षा और इंसानियत से समाज को बदलने की बात कहा करती हैं। मां का मानना है कि अच्छा इंसान ही समाज को सही दिशा दे सकता है। उन्हें जब भी फुर्सत मिलती तमाम महापुरुषों का उदाहरण देतीं। वे पढ़ी लिखी तो नहीं हैं, लेकिन जो अच्छी बातें वह सुनती हैं उसे याद कर लेती हैं और उसका जिक्र करती हैं। वे कहती हैं कि मां को अपनी औलाद को शिक्षित और अच्छा इंसान बनाना चाहिए।

loksabha election banner

-एडवोकेट राजूद्दीन, अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, बागपत।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.