एनजीटी का प्रदेश सरकार समेत चार को नोटिस
पंकज तोमर, बड़ौत : ¨हडन नदी के प्रदूषण पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उत्तर प्रदेश सरकार व पर्यावरण मंत
पंकज तोमर, बड़ौत : ¨हडन नदी के प्रदूषण पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उत्तर प्रदेश सरकार व पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार समेत चार को नोटिस जारी किया है। सहारनपुर से नोएडा तक नदी में डाले जा रहे कूड़े-मलबे व अन्य अपशिष्ट पदार्थ डाले जाने पर एनजीटी ने घोर नाराजगी जताई है। एक जुलाई को जवाब देने की तारीख नियत की गयी है। एनजीटी के इस आदेश ने एक बार फिर यूपी सरकार को झटका दिया है।
अधिवक्ता विनेश चौधरी व विक्रांत एडवोकेट ने बताया, बागपत के डौला गांव निवासी कृष्णपाल सिंह डौला 28 अप्रैल को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में पिटीशन फाइल की थी। उनका आरोप है, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद व नोएडा आदि स्थानों पर ¨हडन नदी में इंडस्ट्रीयल नालों के अलावा सॉलिड वेस्ट डाली जाती है। नगर निगम व ग्राम पंचायतें भी कहीं न कहीं नदी को प्रदूषित करते हैं। शहरों-गांवों का कूड़ा ढो रही ¨हडन अब पूरी तरह प्रदूषित हो चुकी है। उनकी पिटीशन पर बुधवार को एनजीटी में सुनवाई की गई, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार, सिंचाई विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार को नोटिस जारी किया गया।
उन्होंने बताया, एनजीटी ने आदेश दिए कि एक जुलाई को प्रतिवादी अपना पक्ष एनजीटी में रखे। नोटिस जारी होने के बाद हड़कंप मच गया है। एनजीटी ने यूपी सरकार के इस रवैये पर नाराजगी भी जताई है।
पहले भी जारी हो चुके हैं नोटिस
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पहले भी उत्तर प्रदेश सरकार समेत कई विभागों को ¨हडन के प्रदूषण पर नोटिस जारी कर चुका है। लेकिन पहले नदी में गिरने वाले नालों पर रोक लगाने के लिए पिटीशन डाली गई थी और अब नदी में कूड़ा, मलबा व अन्य वस्तु डालने के विरोध में फाइल दाखिल की गई है।
'आंदोलन सफल होगा'
ग्रामीण एवं पर्यावरण विकास समिति के सचिव कृष्णपाल सिंह डौला का कहना है, नदियों में स्वच्छता को लेकर छेड़ा गया आंदोलन सफल होगा। एनजीटी द्वारा नोटिस जारी करने से उम्मीद जगी है कि अब ¨हडन नदी भी प्रदूषण मुक्त हो जाएगी।