उद्घाटन को तरसता राजकीय महाविद्यालय
जागरण संवाददाता, बड़ौत : स्व. चौधरी चरणसिंह जी की याद में छपरौली में बनाए गए चौधरी चरणसिंह राजकीय महा
जागरण संवाददाता, बड़ौत : स्व. चौधरी चरणसिंह जी की याद में छपरौली में बनाए गए चौधरी चरणसिंह राजकीय महाविद्यालय की स्थापना तो हो गई थी, लेकिन कई साल बाद भी उसका उद्घाटन नहीं हो सका है। देखभाल के अभाव में कई सुविधाएं व दीवारें वहां दम तोड़ती नजर आती हैं।
23 दिसंबर 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, रालोद सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह व जम्मू कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री फारुख अब्दुला ने छपरौली में विशाल सभा की थी। इस दौरान देवगौड़ा ने छपरौली में राजकीय महाविद्यालय बनवाने की घोषणा की थी। महाविद्यालय तो कई साल पहले बनकर तैयार हो गया, लेकिन अभी तक उसका उद्घाटन तक नहीं हो सका है।
नागरिक जगत सिंह, बलजीत सिंह व चौधरी पप्पन का कहना है, महाविद्यालय अब जर्जर होने की ओर चल पढ़ा है। खेल मैदान में घोड़े घास चरते हैं तो पौधरोपण न होने के कारण झाड़ियां उग गई हैं। महाविद्यालय के मुख्य द्वार से चौधरी साहब के नाम की वॉल पेंटिंग ही मिटने लगी है। उद्घाटन यदि हो जाता तो उसकी देखभाल भी समुचित रूप से की जाती। महाविद्यालय प्रबंधन देखभाल रखने का पूरा प्रयास करता है, लेकिन फिर भी देखभाव का अभाव है। इसके अलावा महाविद्यालय में कला वर्ग के अलावा विज्ञान वर्ग नहीं लाया गया है। इस संबंध में प्राचार्य डा.उर्मिला पंवार का कहना है, वे अभी शीतकालीन अवकाश पर हैं। इस बाबत अभी कुछ नहीं बता सकतीं।
गुड़ की भेली लेकर चले थे चौधरी
चौधरी साहब को बेहद करीब से जानने वाले बलजीत सिंह ने बताया कि जब वे छोटे थे तो उन्हें वो दिन आज भी याद है जब चौधरी साहब गुड़ की भेली लेकर हरियाणा की ओर चले थे। सरकार ने प्रतिबंध लगाया था कि यूपी का गुड़ हरियाणा ले जाया गया तो उस पर कर लगाया जाएगा, जिसके बाद चौधरी ने खुद गुड़ की भेली सिर पर रखी और हरियाणा की ओर बेचने गए। उनके काफी संघर्ष के बाद गुड़ पर टैक्स हटाया गया।