तारां-जर्रे-जर्रे में जिंदा हैं चौधरी साहब की यादें
पंकज तोमर, बड़ौत देश के पूर्व प्रधानमंत्री व किसानों के मसीहा स्व. चौधरी चरण सिंह की कर्मस्थली रही
पंकज तोमर, बड़ौत
देश के पूर्व प्रधानमंत्री व किसानों के मसीहा स्व. चौधरी चरण सिंह की कर्मस्थली रही बागपत की धरती के जर्रे-जर्रे में उनकी यादें जिंदा हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बागपत ही इकलौता ऐसा जिला है, जहां उनके नाम पर सरकारी व गैर सरकारी डेढ़ दर्जन से अधिक संस्थान हैं। ऐसी महान विभूति का नाम यहां हर जेहन में एक पोस्टर की तरह चस्पा है। आज एक बार फिर बागपत की धरती उन्हें शत-शत नमन करती है।
चौधरी साहब की जन्मस्थली भले ही हापुड़ के नूरपुर गांव रही हो, लेकिन बागपत जनपद उनकी कर्मस्थली रही है। विशेषकर, छपरौली क्षेत्र, जहां लाखों की तादाद में उनके अनुयायी आज भी उन्हें भगवान की तरह ही पूजते हैं। हर जेहन, हर दिल और हर मन में बसी चौधरी साहब की यादें आज भी उन्हें आती है तो उनकी आंखें भर आती हैं। 23 दिसंबर 1902 को जन्मे चौधरी साहब ने जवानी की दहलीज पर पहुंचते ही बागपत की ओर रुख किया था। दुनिया से विदा हुए उन्हें दशकों बीत चुके हैं, लेकिन छोटे से बागपत जिले में उनकी यादें आज भी जिंदा हैं।
जानकारों की मानें तो, वेस्ट यूपी में बागपत अकेला ऐसा जिला है, जहां उनके नाम पर डेढ़ दर्जन से अधिक सरकारी व गैर सरकारी संस्थान हैं, जिनमें चौधरी साहब की प्रतिमा को भगवान की तरह पूजा जाता है। रियल एस्टेट के क्षेत्र में भी बड़े चौधरी का नाम कालोनियों में दर्ज कराया जा रहा है। कई ऐसी जगह भी हैं, जहां से राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय फलक पर पहुंचे नुमाइंदों ने चौधरी के नाम को रोशन किया है।
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चौधरी साहब के नाम पर ये हैं जगह
-चौधरी चरण सिंह नेशनल एनीमल एंड हेल्थ इंस्टीट्यूट, बागपत।
-चौधरी चरण सिंह इंस्टीट्यूट मेडिकल एंड इंजीनिय¨रग, बड़ौत।
-चौधरी चरण सिंह पॉली क्लीनिक, बिजरौल।
-चौधरी चरण सिंह राजकीय डिग्री कॉलेज, छपरौली।
-चौधरी चरण सिंह पुस्तकालय, छपरौली।
-चौधरी चरण सिंह व्यायामशाला, दाहा।
-चौधरी चरण सिंह आवास विकास, खेकड़ा।
-चौधरी चरण सिंह विहार कालोनी फेज एक, बड़ौत।
-चौधरी चरण सिंह विहार कालोनी फेज दो, बड़ौत।
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इन्हें 'माताजी' का सहारा
बड़ौत के छपरौली रोड स्थित गायत्री देवी कॉलेज ऑफ एजूकेशन, गायत्री देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, गायत्री देवी कॉलेज ऑफ लॉ ग्रुप स्व. चौधरी चरण सिंह जी की पत्नी स्व. श्रीमती गायत्री देवी के नाम पर बनाए गए हैं। उनकी तस्वीरों को बाकायदा कॉलेज खुलते ही पूजा जाता है। चारों संस्थानों में चौधरी साहब की भी बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं लगी हैं। गायत्री ग्रुप के निदेशक कपिल तोमर ने बताया, चौधरी साहब की यादों को कभी दिलों से नहीं मिटाया जा सकता है।