Move to Jagran APP

बदमाशों से मोर्चा लेंगी गांव की बेटियां

राजीव पंडित, बागपत : बदमाशों के गांवों की बेटियां दिल्ली में बदमाशों से मोर्चा लेंगी। इसके लिए दिल्ल

By Edited By: Published: Sat, 08 Nov 2014 11:12 PM (IST)Updated: Sat, 08 Nov 2014 11:12 PM (IST)
बदमाशों से मोर्चा लेंगी गांव की बेटियां

राजीव पंडित, बागपत : बदमाशों के गांवों की बेटियां दिल्ली में बदमाशों से मोर्चा लेंगी। इसके लिए दिल्ली में तैयारी भी शुरू हो चुकी है। बागपत की 150 से ज्यादा लड़कियां हाल ही में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल बनी हैं। ये लड़कियां उस समाज के लिए आइना भी हैं, जहां दकियानूसी सोच के चलते आज भी बच्चियों को कोख में ही मार दिया जाता है।

loksabha election banner

पुलिस रिकार्ड गवाह है कि बदमाश प्रमोद गांगनौली, राहुल खट्टा, सुनील राठी, परमवीर तुगाना, मनीष उर्फ अन्ना, सुक्रमपाल भगतजी व विक्की सुन्हैड़ा आदि ने वेस्ट यूपी की ही नहीं, बल्कि दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड राज्य पुलिस की नाक में भी दम कर रखा है, लेकिन अब नई खबर यह है कि इन्हीं गांवों की 150 बेटियां हाल ही दिल्ली पुलिस में भर्ती हुई हैं और जल्द ही वह दिल्ली में कुख्यात बदमाशों से मोर्चा लेती हुई दिखाई देंगी, उत्तर प्रदेश में नहीं बल्कि दिल्ली में।

यह बात भी किसी से छुपी नहीं है, बागपत की लड़कियों में हौसले और जज्बे की कमी नहीं है। यही कारण है कि बागपत की बेटियों की मेहनत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ चढ़कर बोलती है। शूटिंग और कुश्ती में बेटियों ने एक नहीं, बल्कि कितने ही सोने, चांदी और कांस्य के तमगे प्रदेश और देश की झोली में डाले हैं। इतना करने के बाद भी बागपत के लोगों की पुरातनपंथी सोच में बदलाव आता नहीं दिखाई दे रहा हैं। चार साल पहले हुई जनगणना के आंकड़े गवाह हैं कि यहां लड़कों और लड़कियों में भेदभाव किया जाता है। लिंगानुपात की बात करें तो आज भी एक हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या 847 हैं। यानी लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 153 कम है। इस बात को कहने में जरा भी अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिए,समाज में यह मान्यता है कि परिवार व वंश का नाम बेटा ही चला सकता है। महिलाओं के प्रति सामाजिक व शारीरिक असुरक्षा, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर लड़कियों को बोझ समझा जाता है। बागपत के लोगों को इन लड़कियों से सीख लेकर कन्या भ्रूण हत्या को बंद करना होगा और बेटियों को भी बेटे के समान ही मानना होगा।

बाग-18 वे 24..

परिवार का मिला सहयोग

अंगदपुर गांव की लक्ष्मी, सिरसली गांव की सोनिया व उनकी बहन सविता आदि ने बताया कि उन्हें पुलिस में भर्ती होने में परिवार का सहयोग भी मिला है। दिल्ली पुलिस में पिछले साल भर्ती निकली थी। उन्होंने पूरी तैयारी के साथ टेस्ट दिया था। एक से दस नवंबर तक दिल्ली में ट्रेनिंग के लिए पहुंचना है।

बेटी पर गर्व है

खट्टा प्रहलादपुर गांव की रहने वाली सुषमा और पिंकी शर्मा भी दिल्ली पुलिस में भर्ती हुई हैं। सुषमा के पिता बुद्ध प्रकाश और पिंकी के पिता राजेंद्र शर्मा ने बताया कि उन्हें अपनी बेटियों पर गर्व हैं। उनकी बेटियां भविष्य में उनका नाम रोशन करेंगी। जिन परिवारों की लड़कियां भर्ती हुई हैं उन्हें अपनी लड़कियों पर गर्व है।

इन्होंने कहा..

बागपत से इतनी बड़ी संख्या में एक साथ लड़कियां दिल्ली पुलिस में भर्ती हुई हैं। यह उन परिवारों के लिए गर्व की बात है, जिनमें ये पैदा हुई हैं। खास बात यह भी है कि कुख्यात बदमाशों के गांव गांगनौली, खट्टा प्रहलादपुर, रठौड़ा व बावली जैसे गांवों से भी लड़कियां पुलिस में भर्ती हुई हैं। इन बहादुर बेटियों से लोगों को सीख लेनी चाहिए।

विद्यासागर, एएसपी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.