प्रमोद को 'रास' नहीं आयी सुधीर और पुलिस की यारी
जागरण संवाददाता, बागपत : दोघट के सुधीर को भी पुलिस का याराना और प्रमोद से दुश्मनी करना महंगा पड़ गया
जागरण संवाददाता, बागपत : दोघट के सुधीर को भी पुलिस का याराना और प्रमोद से दुश्मनी करना महंगा पड़ गया है। प्रवीण जितेंद्र, नैन सिंह, परीक्षित आदि के बाद अब सुधीर को भी मार दिया गया। सुधीर की हत्या का आरोप भी कुख्यात प्रमोद पर ही लग रहा है। पुलिस के रिकार्ड में झाके तो कभी अजित दाहा का दायां हाथ रहा सुधीर अब प्रमोद को मारना चाहता था तथा इसके लिए वह हथियार और ताकत जुटा रहा था।
कुख्यात प्रमोद अपराध जगत में ऐसा नाम हो चला है कि जो भी उसके मुकाबले पर खड़ा होता है वह उसे ही रास्ते से हटा देता है। दोघट थाना क्षेत्र में प्रवीण, मोनू, जितेंद्र, नैन सिंह, परीक्षित के अलावा कई ऐसे और भी नाम हैं, जिन्हें प्रमोद से दुश्मनी के चलते अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। सुधीर की मौत के बाद यह कड़ी अब और बड़ी हो गई है। वारदात के दौरान घायल हरेंद्र माजरा भी इसी का हिस्सा है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो सुधीर कभी अजित दाहा का हाथ रहा करता था। अजित की हत्या के बाद सुधीर अकेला हो चला था, लेकिन जुर्म से नाता नहीं छूटा था। सुधीर पर भी चार हत्या, एक लूट और जानलेवा हमले आदि के मुकदमे दर्ज हैं। एक लाख के इनामी बदमाश प्रमोद और अमित से सुधीर की लुकाछिपी दुश्मनी चल रही थी। दोनों को खत्म करने के लिए सुधीर पुलिस का और पुलिस सुधीर का सहारा ले रही थी। इसी बीच अमित उर्फ सद्दाम मारा गया, लेकिन प्रमोद और सुधीर के बीच दुश्मनी जारी रही।
बताते हैं कि पुलिस ने सुधीर को जो सहारा दिया, उसका सुधीर ने जनपद से बाहर गलत प्रयोग कर दिया और बदमाशों को जोड़कर आपराधिक वारदात शुरू कर दी। एक-दो जगह सुधीर ने यह भी कहा कि उसके ऊपर तो कानून के रखवाले का हाथ है वह किसी से डरने वाला नहीं है। यहीं कारण रहा है कि चार-पांच माह से पुलिस ने सुधीर से किनारा कर लिया था और पुलिस ने सुधीर की गतिविधियों पर भी नजर रखनी शुरू कर दी थी।
प्रमोद के मुखबिर इन सब बातों की जानकारी प्रमोद और उसके गिरोह तक पहुंचाते रहते थे। जिसके चलते कई माह से प्रमोद के निशाने पर सुधीर चल रहा था। मौका लगते ही सुधीर को मार दिया गया। आरोप प्रमोद गांगनौली पर ही लगा है। एसपी जेके शाही ने बताया कि सुधीर की हत्या का आरोप प्रमोद आदि पर ही लगा है। सुधीर और प्रमोद की आपस में दुश्मनी चल रही थी। पुलिस और सुधीर के बीच क्या संबंध रहे हैं, इसका उन्हें पता नहीं है।