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'सत्य धर्म से ही मानव कल्याण संभव'

By Edited By: Published: Tue, 02 Sep 2014 07:24 PM (IST)Updated: Tue, 02 Sep 2014 07:24 PM (IST)
'सत्य धर्म से ही मानव कल्याण संभव'

जैन श्रद्धालुओं ने लिया सत्य धर्म अपनाने का संकल्प

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जागरण संवाददाता, खेकड़ा : दशलक्षण पर्व के चौथे दिन जैन श्रद्धालुओं ने उत्तम सत्य धर्म अंगीकार करने का संकल्प लिया। रात्रि के समय मंदिरों में पूजन व प्रश्न मंच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

नगर के जैन कालेज रोड स्थित भगवान महावीर दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे दशलक्षण पर्व के चौथे दिन सबसे पहले नित्य नियम की पूजा की गई। पाद प्रक्षालन के बाद भगवान का अभिषेक किया गया। ब्रह्मचारिणी रेखा जैन के सानिध्य में सामूहिक पूजन व शांतिधारा के बाद पंच परमेष्ठी विधान का आयोजन किया गया। उन्होंने विधान की महत्ता पर प्रकाश डाला। उत्तम सत्य धर्म की व्याख्या करते हुए कहा, सत्य मार्ग अनुपम होता है। सत्य का पालन हर हाल में करना चाहिए। विधान में प्रवीण कुमार जैन, अमित जैन, अजय जैन, संजय जैन, रीना जैन, दीपा जैन, उर्मिला जैन, स्वाति जैन, मधु जैन, इंद्रा जैन आदि शामिल रहे। रात्रि में शास्त्र प्रवचन, प्रश्न मंच प्रतियोगिता आयोजित की गई। बड़ागांव के त्रिलोक तीर्थ धाम में आयोजित विधान में प्रवचन करते हुए जैन संत आचार्य ज्ञान सागर महाराज ने शौच धर्म की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, आत्मा की सफाई जरूरी है। बाहरी सफाई के साथ आंतरिक सफाई पर ध्यान देना चाहिए, तभी आत्मा परमात्मा का रूप हो सकती है। विधान में प्रबंधक त्रिलोक चंद जैन, श्याम लाल जैन आदि का सहयोग रहा।


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