आनंद महोत्सव : उमड़ा जैन श्रद्धालुओं का सैलाब
1008 इंद्र-इंद्राणियों ने भक्तिभाव से किया प्रतिभाग
दूसरे दिन भगवान जिनेंद्र का हुआ पूजन-अर्चन
संवाद सहयोगी, बड़ौत : आचार्य विमर्श सागर महाराज के सानिध्य में चल रहे आनंद महोत्सव के दूसरे दिन जैन श्रद्धालुओं ने भगवान जिनेंद्र की भक्तिभाव से आराधना की।
सत्यवती धर्मशाला में चल रहे धार्मिक कार्यक्रम में गुरुवार को महोत्सव का शुभारंभ जिनेंद्र भगवान की प्रतिमा के अभिषेक से किया गया। पीत वस्त्रधारक इंद्रगणों ने गर्म जल से भगवान पाश्र्र्वनाथ की प्रतिमा का अभिषेक किया। आचार्य विमर्श सागर महाराज द्वारा किए गए मंत्रोच्चार के बीच शांति धारा का सौभाग्य सौधर्म इंद्र अजय जैन को मिला। भोपाल से पधारे संगीतकार विक्की एंड पार्टी के मनमोहक भजनों ने वातावरण को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। आचार्य विमर्श सागर महाराज ने देवशास्त्र गुरु की पूजा के मध्य सभी को पूजन की अभीष्ट विधि से अवगत कराया। अपने प्रवचनों में जैनाचार्य ने कहा कि जो आत्मा के गुणों की अधीनता से जिए या जो आत्मा को ही अपना करके अपने आप में ही अपना स्वीकार करके तल्लीन रहे, वह अध्यात्म है। आनंद मोहत्सव के प्रति जैन श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर दिखाई दिया। 1008 इंद्र-इंद्राणियों ने इसमें प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में महेंद्र जैन, वरदान जैन, मुकेश, प्रदीप, आदीश, संजय, अशोक, सतीश, मदनलाल आदि मौजूद रहे।