चूल्हा जले, इसलिए निकले बाजार
सहारनपुर : कर्फ्यू के दौरान हर किसी की चिंता रसोई में चूल्हा जलाने तक सीमित रह गई है। नए व पुराने शहर में कर्फ्यू में ढील के दौरान केवल खाने-पीने की चीजें ही खरीदी जा रही थीं। खरीदारी के बाद जल्दी घर लौटने के चक्कर में लोग वाहनों को सड़कों पर सरपट दौड़ा रहे थे।
बुधवार को जिला प्रशासन ने महानगर के नए शहर में प्रात: 8.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक तथा पुराने शहर में दोपहर दो बजे से शाम सात बजे तक कर्फ्यू में ढील दी थी। चूल्हा जलाने की मजबूरी ने लोगों को घरों से निकलने पर मजबूर कर दिया।
पार्ट वन : शहर का नया क्षेत्र
कोर्ट रोड, हकीकत नगर, शारदा नगर, खलासी लाइन, जैन कालेज रोड, चंद्रनगर, बाजोरिया रोड, खान आलमपुरा, गंगोह रोड व हसनपुर चुंगी आदि क्षेत्रों में केवल खानपान के सामान की ही बिक्री नजर आई। हरियाली तीज का पर्व होने के कारण मिठाई की दुकानों पर घेवर व मिठाई आदि की बिक्री देखी गई।
घंटाघर पर मिठाई व बेकरी
दोपहर 12.10 बजे घंटाघर पर बेकरी व मिठाई की दुकानों पर इक्का-दुक्का ग्राहक नजर आए। रसोई के सामान की चिंता ने मिठाई को भुला दिया। हालांकि बच्चों के लिए बेकरी का सामान की खरीदारी हुई।
पार्ट टू : शहर के पुराने क्षेत्र
दोपहर 2.40 बजे कुतुबशेर थाने से जेबीएस कालेज रोड पर कई स्थानों पर ईद की खुमारी नजर आई। मिठाई व बेकरी की दुकानों पर कहीं भीड़ तो किसी को ग्राहकों का इंतजार था। पुल बंजारान व कंबोहान पर दुकानदार पकौड़े व जलेबी बनाने की तैयारी कर रहे थे। कई बैटरी रिक्शा तो आलू-प्याज व आटे के बोरों से लदे दौड़े जा रहे थे। कपड़े की थोक मंडी रायवाला बाजार में आवाजाही जरूर थी, लेकिन बाजार बंद था। चिलकाना रोड, अरबी मदरसा,भगत सिंह चौक, बाजार मोरगंज, चौक फ व्वारा व नखासा बाजार आदि में खानपान के सामान की ही बिक्री थी। थोक बाजार मोरगंज से घी-तेल, आटा व दालें आदि की बिक्री पर जोर रहा। चौक फव्वारा पर फल व सब्जी की खरीदारी को तरजीह दी गई। नुमाइश कैंप व बेरीबाग क्षेत्र में भी परचून व बेकरी की दुकानों पर ही खरीदारी हुई।