अल्लाह की बारगाह में अमनो-अमान की दुआ
बड़ौत : मुकद्दस रमजान के एक माह तक चले कठिन इबादत के दौर की विदाई के बाद मंगलवार को ईद-उल-फितर सौहार्दपूर्ण माहौल में हर्षोल्लास से मनाया गया। अल्लाह ताला की बारगाह में हजारों ने क्याम, रुकू और सजदा कर अमनो-अमान की दुआ मांगी। शहर काजी ने कुतबा पढ़ा और सभी से नेकी की राह पर चलने की अपील की।
शहर के छपरौली रोड स्थित ईदगाह पर ईद की नमाज अदा की गई। आसपास के गांवों से तकरीबन बीस हजार लोगों ने पहुंचकर सामूहिक नमाज में भाग लिया। शहर काजी मौलाना आरिफ-उल-हक ने नमाज अदा कराई। उन्होंने कुतबा पढ़ते हुए कहा कि इस्लाम धर्म में आपसी द्वेष, भेदभाव और नफरत का कोई स्थान नहीं है। सब खुदा के बंदे हैं और किसी भी मजहब में आपसी बैर का कोई स्थान नहीं है। आपसी भाईचारा और मोहब्बत खुदा की सबसे बड़ी इबादत है। उन्होंने सभी से अपने गुनाहों से तौबा करने की अपील की। मजहबी नफरत की दीवार खड़ी करने वालों से सतर्क रहने की हिदायत दी। मुस्लिम समाज में गिरती हुई शिक्षा की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा, चाहे एक वक्त की रोटी कम खाएं, मगर अपने बच्चों को अच्छी तालीम जरूर दिलाएं। ईदगाह के बाहर ईद मुबारक के लिए नगर पालिका व विभिन्न राजनीतिक दलों ने स्टाल लगाकर ईद की बधाइयां दीं। इस मौके पर एडीएम राजेंद्र सिंह, सीओ सीपी सिंह, पूर्व विधायक डा. महक सिंह, विधायक लोकेश दीक्षित आदि ने मुस्लिम समाज के लोगों को ईद की मुबारकबाद दी।
15 मिनट देरी से शुरू हुई नमाज
ईदगाह पर ईद की नमाज अपने निर्धारित समय से 15 मिनट देरी से नौ बजे शुरू हो सकी। अकीदतमंदों की भारी भीड़ के चलते इसमें विलंब हुआ।
पांच जगह अदा हुई ईद की नमाज
बड़ौत में ईदगाह के अलावा स्टेशन वाली मस्जिद, फूंस वाली मस्जिद, पठान कोट की बड़ी मस्जिद, गुराना रोड हरी मस्जिद में नमाज पढ़ी गई। वहीं छपरौली, बिनौली, रमाला क्षेत्रों में सौहार्दपूर्ण माहौल में नमाज अदा की गई।