सद्दाम और प्रमोद गिरोह के 'टच' में थी गाजियाबाद पुलिस
जागरण संवाददाता, बागपत : अमित उर्फ सद्दाम के गाजियाबाद जनपद में घायल होने और पुलिस को इसका सबसे पहले पता चलने के बाद एक बार फिर गाजियाबाद पुलिस पर गिरोह के संपर्क में रहने की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं। दो साल पहले भी दोघट कस्बे के 50 हजारी मोनू का एनकाउंटर गाजियाबाद पुलिस ने ही किया था। उस समय भी गाजियाबाद पुलिस पर आरोप लगे थे कि सद्दाम और प्रमोद गिरोह के लोगों ने ही रंजिश के चलते मोनू को गाजियाबाद पुलिस से पकड़वाया।
दो साल पहले गाजियाबाद पुलिस ने दोघट कस्बे के 50 हजार के इनामी बदमाश मोनू को एनकाउंटर में मार गिराया था। एनकाउंटर गाजियाबाद जनपद के मसूरी में हुआ था। उस समय खूब आरोप लगे थे कि एनकाउंटर में कहीं न कहीं अमित उर्फ सद्दाम और प्रमोद की भी भूमिका रही है। पुलिस महकमे के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि यह भी बात सामने आई थी कि रकम के बंटवारे को लेकर मोनू और दोनों के गिरोह में ठन गई थी। इसके बाद मोनू के भाई जितेंद्र और एक अन्य युवक नैन सिंह की हत्या कर दोनों के शवों को दफन कर दिया गया था। इनकी हत्या के दौरान ही मोनू भी गायब हो गया था और एक-दो दिन बाद ही वह गाजियाबाद में पुलिस के हाथों मारा गया था।
महकमे के सूत्रों का कहना है कि वेस्ट यूपी पुलिस की नाक में दम करने वाला सद्दाम एक दिन पूर्व शुक्रवार सुबह गाजियाबाद में घायल हुआ। सबसे पहले इसकी जानकारी गाजियाबाद में तैनात एक सिपाही को हुई। इसको लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। दबी जुबान में महकमे के अधिकारी भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि गाजियाबाद पुलिस सद्दाम और प्रमोद गिरोह के संपर्क में थी? वहीं सद्दाम के घायल होने में गाजियाबाद पुलिस ने जो कहानी गढ़ कर तैयार की है, वह किसी के गले नहीं उतर रही है। बहरहाल यह रहस्य गहराया हुआ है कि सद्दाम कैसे और कहां घायल हुआ है और उसके घायल होने की सूचना सबसे पहले पुलिस को ही क्यों लगी? एसपी जेके शाही का कहना है कि सद्दाम के घायल होने की पूरी तस्वीर को वह साफ करने में लगे हुए हैं।
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सद्दाम को होश नहीं
एसपी लौटे वापस
बागपत : एक लाख के इनामी सद्दाम गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में जिंदगी-मौत के बीच जूझ रहा है। उसे दूसरे दिन भी होश नहीं आया है। एसपी भी उससे पूछताछ करने पहुंचे लेकिन वापस लौट आए। आरोपी की किडनी खराब हो चुकी है।
गांगनौली गांव का कुख्यात अमित उर्फ सद्दाम घायल होने के बाद गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में भर्ती है। महकमे के अधिकारियों के अनुसार गोली के छर्रे लगने से उसकी एक किड़नी खराब हो चुकी है। आंतें भी फट गई है। एसपी उससे पूछताछ करने के लिए शनिवार को यशोदा अस्पताल पहुंचे लेकिन वह बोलने की स्थिति में नहीं था। एसपी जेके शाही ने बताया कि सद्दाम का अस्पताल में उपचार किया जा रहा है जैसे ही उसे होश आएगा बागपत पुलिस उससे पूछताछ करेगी और रिमांड पर बागपत में भी लाया जाएगा।
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फैला है पुलिस का जाल
भले ही बागपत पुलिस यह अहसास न होने दे रही हो कि यह गाजियाबाद का मामला है और वहीं की पुलिस उसका उपचार करा रही है, लेकिन असलियत यह भी है कि गाजियाबाद में यशोदा अस्तपाल के आसपास जनपद की पुलिस और क्राइम ब्रांच का जाल फैला हुआ है। अस्तपाल में आने-जाने वाले संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है। पुलिस को शक है कि उससे मिलने के लिए कोई न कोई शरणदाता या अन्य जानकार जरूर आएगा।
गिरोह को झटका
सद्दाम के घायल होने से कहीं न कहीं गिरोह को बड़ा झटका लगा है। गिरोह का मुखिया प्रमोद ही बचा है जो अब गिरोह की कमान संभाले हुए है और पुलिस से बचता फिर रहा है। या यूं कहें कि पुलिस उसे दबोच नहीं पा रही है?