शिक्षा के 'मंदिर' के द्वारे 'नरक'
बड़ौत : शिक्षा के मंदिर की यह दुर्दशा देख हर किसी के मुंह से व्यवस्थाओं के प्रति दुत्कार निकलना लाजमी है। मगर लगता है कि नगर पंचायत छपरौली के लिए स्वच्छता का ककहरा सीखना अभी बाकी है। कस्बा स्थित प्राथमिक विद्यालय के गेट पर लगा कूड़े का ढेर नगर पंचायत की उदासीनता की कहानी को बखूबी बयां कर रहा है।
नगर पंचायत ने देवगोड़ा रोड पर स्थित प्राथमिक विद्यालय नं. छह की चारदीवारी से सटाकर डंपिंग ग्राउंड बना रखा है। यहां सारे कस्बे की गंदगी डाली जाती है। इसे लेकर कई बार शिकायतें और प्रदर्शन आदि हो चुके हैं। मामला जब भी गरमाता है तब कुछ समय के लिए नगर पंचायत यहां कूड़ा-करकट डालना बंद कर देती है। पिछले दिनों गर्मी के छुट्टियों के चलते शिक्षण संस्थान एक माह के बंद रहे तो नगरपंचायत ने स्कूल के मुख्य द्वार के बाहर भी गंदगी के ढेर लगा डाला। इससे उठने वाली दुर्गध से विद्यालय में बैठना भी मुश्किल हो गया है। शुक्रवार को अभिभावकों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया और अपने बच्चों को साथ ले गए। चेतावनी दी कि जब तक विद्यालय के पास से गंदगी नहीं उठाई जाती तब तक वह बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। अभिभावकों में उमरद्दीन, गफ्फार, कांता, गौरव, मुकेश, दिनेश आदि शामिल है।
इन्होंने कहा..
गंदगी उठवाने के संबंध में नगर पंचायत को चार बार प्रार्थना पत्र दे चुका हूं। विद्यालय बंद रहने के दौरान फिर से गंदगी डालने का कार्य शुरू कर दिया गया है। स्कूल के हालातों से बीएसए को अवगत करा दिया गया है।
-विक्रांत, प्रधानाध्यापक
स्कूल के गेट के सामने मोहल्ले वाले गंदगी डाल रहे हैं। सफाई कर्मियों को इसे हटाने के निर्देश दे दिए गए हैं।
-संजीव खोखर, चेयरमैन छपरौली।