बागपत में धड़ाम हो गई 'बीज ग्राम योजना'
विनीत तोमर, बागपत : बागपत जिला एक बार फिर अछूता साबित हुआ, लेकिन इस बार इसका शिकार हुआ है जिले का भोला-भाला किसान। प्रदेश सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए योजना का शुभारंभ तो कर दिया, लेकिन बीज वितरण के लिए उस सूची में शायद बागपत जिले का नाम डालना ही भूल गए। जहां प्रदेश भर में योजना के अंतर्गत बीज का वितरण धडल्ले से हो रहा है वहीं बागपत जिले के किसानों को इस दूर रखा गया है। आखिर क्यों?
क्या है योजना
प्रदेश में उन्नत किस्म के बीजों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार ने गत माह बीज ग्राम योजना का शुभारंभ किया था। योजना के अंतर्गत जिले के 1620 किसानों को धान, बाजरा और अरहर का बीज सब्सिडी पर बांटा जाना था। सबसे पहले जिले के सभी ब्लाक से करीब पंद्रह-पंद्रह गांव चयनित किए जाने थे, जिसके बाद हर गांव से दस से बीस किसानों को इस योजना का लाभ मिलता। प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए बीज की किसान अपने खेत में बुवाई करता। सरकार का मानना था कि इससे प्रदेश में उन्नत किस्म के बीजों की बढ़ोतरी होगी।
क्या हुआ योजना का हश्र
योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों में कृषि विभाग को बीज उपलब्ध करा दिया। गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और मेरठ आदि स्थानों पर तो किसानों को बीच पहुंचा भी दिया गया, लेकिन पश्चिमी यूपी में सिर्फ बागपत जिला ही इससे अछूता है। बागपत के किसानों के लिए प्रदेश सरकार ने बीज नहीं होने के हाथ उठा दिया। सूत्रों की मानें तो प्रदेश सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि उनके पास बीज नहीं है। सवाल है कि अधिकारियों के आदेश पर जब योजना के शुभारंभ की पूरी रूपरेखा भी तैयार कर ली गई तो आखिर बागपत के किसानों को ही इस योजना से वंचित क्यों रखा गया? इससे तो यही साबित होता है कि या तो बागपत में किसान नहीं है या फिर यहां के किसानों से भेदभाव किया जा रहा है।
इन्होंने कहा..
योजना को लागू करने के आदेश मिले थे, लेकिन बीज उपलब्ध नहीं कराया गया। इससे किसानों को लाभ नहीं मिल सका। हालांकि इसके लिए कई बार विभागीय अधिकारियों को पत्र भेजकर अवगत करा चुके हैं।
-डा. धुरेंद्र सिंह, कृषि उपनिदेशक बागपत