आखिर पुलिस क्यों हो रही है नतमस्तक?
रामानुज, बागपत : जरायम की दुनिया में लगातार संगीन वारदातों से बागपत न केवल अपराध की नित नई सीढि़यां चढ़ रहा है, वरन कुख्यातों के बढ़ रहे हौसलों, इलाके में गहरी पैंठ और घटनाओं की बाढ़ से जिले की छवि भी धूमिल हो रही है। सामान्य से कुख्यात और लखटकिया हो गए बदमाशों का आतंक लगातार बढ़ रहा है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। पुलिस इनके सामने पूरी तरह नतमस्तक नजर आ रही है। इन शातिर बदमाशों के खिलाफ कोई बड़ा अभियान नहीं चलाया जा रहा। क्या जिले और जोन पुलिस की कोई विवशता है या फिर किसी के दबाव में पुलिस खामोश है। जो कुछ भी हो पर दहशत में जी रहे लोगों का भरोसा खाकी से जरूर दरकने लगा है।
जिले के शातिर अपराधी अमित उर्फ सद्दाम और प्रमोद तथा राहुल खट्टा लगभग साढ़े तीन साल से सक्रिय हैं। इन तीनों बदमाशों ने अपराध की दुनिया में धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए अब अपना ऐसा खौफ बरकरार कर लिया है कि आम क्या पुलिस भी इनसे घबराती है।
करीब डेढ़ साल से इन तीनों ने इलाके के अपने विरोधियों का ही नहीं जीना दुश्वार कर रखा है बल्कि पुलिस की भी नींद उड़ा रखी है। बावजूद इसके जिले और जोन की पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। उसके अब तक के एक्शन से तो यही लगता है कि वह इनके सामने असहाय हो चुकी है। यहीं नहीं इन तीनों कुख्यातों के खिलाफ बड़ा आपरेशन न चलाने के पीछे भी यही चर्चाएं हो रही हैं कि पुलिस किसी दबाव में तो काम नहीं कर रही।
एक सामान्य सी घटना में कुछ साल पहले हत्यारोपी बने बड़ौत तहसील के गांगनौली गांव निवासी सद्दाम व प्रमोद तथा खेकड़ा तहसील के गांव खट्टा प्रह्लादपुर निवासी राहुल खट्टा आज बागपत में दहशत और खौफ का पर्याय बन चुके हैं। जहां शातिर सद्दाम व प्रमोद का गैंग अब तक हत्या-लूट व गिरोहबंदी की दर्जनों वारदातों को अंजाम दे चुका है, वहीं कुख्यात राहुल भी अपनी संगीन वारदातों से लोगों और पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है। लेकिन इनके खिलाफ बड़ा अभियान नहीं चलाया जाना पुलिस महकमे पर सवाल खड़ा कर रहा है। अब तक राहुल आधा, सद्दाम और प्रमोद दर्जन बार से अधिक मुठभेड़ में पुलिस को चुनौती देते हुए साफ बच निकले। इनके हौसले कितने बुलंद हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुछ माह पूर्व सद्दाम और प्रमोद ने पुलिस सुरक्षा में पति-पत्नी को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया था।