डबल मर्डर : घटनास्थल पर नहीं मिले खींचतान के निशान
बागपत : बामनौली गांव में दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले कोई परिचित ही थे। घटना स्थल बयां कर रहा था कि वहां न कोई खींचतान हुई और न ही मरने वालों ने भागने का प्रयास किया होगा।
शिवकुमार के खेत में दोनों के गोली लगे शव पड़े मिले। खून से लथपथ शवों को देख अंदाजा लगाया जा रहा था कि मारने से पहले उनके साथ कुछ भी नहीं हुआ। क्योंकि उन्हें ऐसा लगता तो वे भागने का प्रयास भी करते या फिर उनके साथ खींचतान भी होती। उनके कपड़ों पर न कोई खींचतान के निशान थे और न ही दोनों का हुलिया देखकर ऐसा कहा जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, घटना के पीछे कोई अपने ही थे, जो पहले उनके पास आए और अचानक उन पर गोलियां बरसा दी। दोनो को भागने तक का मौका नहीं मिला।
बता दें कि खेत के पास खड़ी बाइक पर एक चादर भी रखी मिली, जो प्रमोद खेत लेकर गया था और बाइक का लॉक भी लगा था। यदि उन्हें जरा भी आभास होता तो शायद वे बाइक को लॉक नहीं करते। दूसरा सवाल यह उठता है कि कातिल उनके पास तक कैसे पहुंचे। पहले प्रमोद दोघट गया था और वहां से अंकित को लेकर खेत पहुंचा। कातिल उनके साथ दोघट से आते तो उन्हें रास्ते में भी खत्म कर सकते थे। हो सकता है कि हत्यारे पहले से ही खेत में मौजूद रहे हों और खेत में पहुंचते ही दोनों पर गोलियां बरसा दी हों।
इन्होंने कहा..
हत्याकांड के पीछे जमीन का विवाद सामने आया है। कातिल कौन है और कैसे उन्हें मौत के घाट उतारा गया, इसकी जांच की जा रही है।
-संजय गर्ग, थानाध्यक्ष, दोघट।