एके-47 कारतूस प्रकरण की फाइल रि-ओपन
विकास कुमार, बागपत (रमाला) । मुजफ्फरनगर और आसपास के जनपदों में हुए सांप्रदायिक दंगे के दौरान बागपत के किरठल गांव से मिले एके-47 व 9एमएम के कारतूसों की फाइल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रि-ओपन हो गई है। शनिवार को क्राइम ब्रांच ने गांव जाकर लोगों से पूछताछ की और कुछ महत्वपूर्ण तथ्य भी जुटाए। अब मामले में कई शीर्ष अफसरों के साथ नेताओं की गर्दन भी फंसती नजर आ रही है।
दंगे में प्रदेश सरकार की लापरवाही मिलने के बाद अफसरों के होश उड़ गए थे। सत्ता पक्ष के दबाव में आकर किरठल प्रकरण को भी दबाने का प्रयास किया गया। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद इस प्रकरण की फाइल दोबारा खोल दी गई है। टीम के साथ किरठल गांव पहुंचे क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर रामशरण सिंह व रमाला इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह ने ग्रामीणों से पूछताछ की और जहां से कारतूस बरामद किए गए थे, उन घरों में भी मुआयना किया। उन्होंने मोबाइल कॉल डिटेल के संबंध में भी कुछ जानकारी जुटाई हैं। इसके लिए कुछ और महत्वपूर्ण तथ्य हाथ लगे हैं। सिंह के मुताबिक, अभी रिपोर्ट को उजागर नहीं किया जा सकता।
पुलिस की हीलाहवाली
इस मामलें में पुलिस की हीलाहवाली उजागर हुई थी। फाइलों तक समेटे गए किरठल प्रकरण में न उन लोगों की जांच हुई जो आमने-सामने हुए थे और न ही इसके अलावा कोई मुकदमा दर्ज किया गया। फिलहाल आरोपी रोजूद्दीन तो जेल में है, लेकिन अभी तक यह भी नहीं पता चल सका कि उसके पास कारतूस आए कहां से आए थे।
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इनसेट
रोजूद्दीन को रिमांड पर लेने की तैयारी
बड़ौत: क्राइम ब्रांच ने आरोपी रोजूद्दीन को पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी शुरू कर दी है। घटना के वक्त पुलिस ने कयास लगाए थे कि उसका भाई इकबाल आर्मी से रिटायर्ड है। हो सकता है कि वह कारतूस लेकर आया हो, लेकिन पूछताछ में रोजूद्दीन स्पष्ट जवाब नहीं दे सका। इसके बाद 12 अक्टूबर-13 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी गई और रोजूद्दीन को जेल भेज दिया गया, वह अभी भी जेल में है।
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इन्होंने कहा..
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किरठल कारतूस प्रकरण की फाइल रि-ओपन की गई है। हमने गांव जाकर जांच की और हथियार साफ करने का सामान भी बरामद किया है। जांच के बाद सभी सवालों के जवाब जनता के सामने होंगे।
-रामशरण सिंह, इंस्पेक्टर-क्राइम ब्रांच