मरना मंजूर..पर ससुराल नहीं जाना
जागरण संवाददाता, खेकड़ा : साहब, मेरा पति बहुत ही जालिम है। मैं उसके साथ हरगिज नहीं रहूंगी। मुझे मरना मंजूर है, लेकिन ससुराल जाना मंजूर नहीं। पुलिस के सामने रोते हुए ये दर्द भरी दास्तां एक विवाहिता ने सुनाई। एसओ ने महिला को लाख समझाया, लेकिन वह एक ही बात पर अडिग थी कि वह पति के साथ नहीं रहेगी।
शनिवार को थाने में एसओ के सामने पेश होकर हरियाणा सोनीपत के केवड़ा गांव निवासी ममता ने अपना दर्द बयां किया। उसने बताया कि करीब दस साल पहले उसकी शादी नंगला बड़ी गांव में रामकिशन के पुत्र बीर सिंह से हुई थी। शादी के बाद उसके दो बच्चे हैं। आरोप है कि उसके साथ आए दिन मारपीट होती है। तीन दिन पूर्व ससुराल वालों ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया। लड़का अपने पास रख लिया और लड़की को भी उसी के साथ निकाल दिया। उसी दिन उसने थाने में ससुराल पक्ष के पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। शनिवार को वह अपने ससुरालियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर थाने पहुंची। एसओ ने उसे लाख समझाने का प्रयास किया, मगर वह अपने इरादे से टस से मस नहीं हुई और एक ही बात पर अडिग कि वह मर तो जाएगी, लेकिन उसके साथ कतई नहीं जाएगी। एसओ ने उसे कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद ही वह वापस लौटी।