किसी भी योनि का जीव भगवान को पा सकता है : चित्रलेखा
बिसौली : श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक देवी चित्रलेखा ने हजारों श्रद्धालुओं को गजेंद्र मो
बिसौली : श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक देवी चित्रलेखा ने हजारों श्रद्धालुओं को गजेंद्र मोक्ष की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि किसी भी योनि का जीव भगवान को प्राप्त कर सकता है। जिस तरह गजेंद्र नामक हाथी जब तालाब में स्नान कर रहा था तब मगरमच्छ ने उसका पांव पकड़ लिया, मदद की पुकार पर कोई नहीं आया तो भगवान ने उसकी मदद की। इस प्रकार भगवान को प्राप्त करने के लिए जीव योनि का कोई महत्व नहीं, उच्च योनि से लेकर निम्न योनि तक का कोई भी जीव भगवद् प्राप्ति कर सकता है।
समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए बताया कि समुद्र मंथन में एक तरफ देवता और एक तरफ राक्षस रहे। जहां भगवान ने मोहिनी अवतार ग्रहण करके देवताओं को अमृत पान कराया और वामन अवतार का कथा सुनाई। भगवान वामन ने राजा बलि से संकल्प करा कर तीन पग भूमि दान में मांगी और इस तीन पग में भगवान वामन ने पृथ्वी, आकाश और तीसरे पग में राजा बलि को मापा और बलि को सुतल लोक का राजा बना के खुद वहां के द्वारपाल बने। उन्होंने प्रभु राम अवतार का प्रसंग श्रवण कराते हुए बताया कि भगवान राम मर्यादा पुरूषोत्तम कहे जाते हैं क्योंकि भगवान राम सभी नैतिक गुणों से सम्पन्न हैं। प्रभु राम के द्वारा दैत्यों का संहार किया गया। माता सीता के हरण के बाद हनुमानजी से प्रभु की भेंट हुई व लंका दहन के साथ रावण वध का वर्णन किया। कथा के विश्राम में कृष्ण जन्म की कथा को स्पर्श करते हुए उन्होंने बताया कि द्वापर युग में कंस जैसे दुष्ट पापी का अत्याचार बढ़ जाने पर प्रजा के आग्रह पर भगवान ने नटखट अवतार लिया और कंस का अंत किया। चित्रलेखा ने जब नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की भजन गाया तो श्रद्धालु झूम उठे। इस अवसर पर मुकेश शर्मा, सरिता वाष्र्णेय, विमलेश गुप्ता, अनुपम गुप्ता, मनोज मिश्र, सुरेंद्र अग्रवाल, प्रदीप गुप्ता, महेंद्र प्रताप यादव, सुरेश गुप्ता आदि कृष्णा भक्त मौजूद।
लक्ष्मीनारायण महायज्ञ का आयोजन कल
संसू, उसहैत : क्षेत्र के गांव गूरा बरैला में 14 नवंबर से श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ का 18वां विराट आयोजन शुरू होगा जो 18 नवंबर तक चलेगा। जिसमें श्रीश्री 1008 श्री स्वामी गोपाल आचार्य वेदांत मार्तंड जी महाराज श्रीश्री 1008 श्री स्वामी वीर राघव महाराज श्रीश्री 108 हरि प्रपन्नाचार्य महाराज आदि विशिष्ट महात्माओं का आगमन हो रहा है। 13 नवंबर को जलयात्रा प्रात: नौ बजे शुरू होगी। इस आयोजन में महायज्ञ एवं धर्माचार्यों का प्रवचन होंगे एवं 18 नवंबर को महा पूर्णाहुति एवं भंडारा किया जाएगा।