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झुलसती फसलों को मिली संजीवनी

By Edited By: Published: Fri, 18 Jul 2014 11:15 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jul 2014 11:15 PM (IST)
झुलसती फसलों को मिली संजीवनी

बदायूं : देर आए दुरुस्त आए की तर्ज पर झमाझम बरसात ने आसमानी आग से सूखती खरीफ की फसलों को संजीवनी दे दी है। धान की रोपाई कर पछता रहे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। खरीफ की दूसरी फसलों के लिए भी यह बरसात लाभकारी रही।

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सावन माह शुरू होने के बावजूद बरसात नहीं हो रही थी। धान की रोपाई नहीं हो पा रही थी। बमुश्किल 15 फीसदी किसान ही सिंचाई के निजी संसाधन होने पर धान की रोपाई कर सके थे। धान की बेहन (बेड़) भी सूख रही थी। खेतों में खड़ी गन्ना, मक्का, ज्वार की फसलें भी मुरझाने लगी थीं। जिन लोगों ने धान की रोपाई कर दी थी अब वे पछताने लगे थे। फसल की सिंचाई करना मुश्किल हो रहा था।

जिले में चारों तरफ सूखे का असर दिखाई देने लगा था। किसानों के साथ राजनीतिक संगठन भी सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग उठाने लगे थे। कई दिनों से आसमान में बादल तो छा रहे थे, लेकिन बरसात नहीं हो रही थी। किसान मायूस होने लगे थे। गुरुवार की सुबह रिमझिम बरसात की शुरूआत हुई तो उम्मीद की किरण जगी। रात में झमाझम बारिश ने झुलसती फसलों को मानो संजीवनी दे दी। गुरुवार की रात 30 मिमी औसत बरसात हुई। बदायूं तहसील में 24 मिमी और बिसौली में सर्वाधिक 54 मिमी बरसात रिकार्ड की गई। उमस भरी गर्मी के कारण गांवों में खेती के कामकाज ठप से हो गए थे, लेकिन अब किसानों के फावड़े चलने लगे हैं। सूखे को लेकर चिंतित जिला प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है।

इंतजार के बाद बरसात ने किसानों को राहत दी है। जिन किसानों ने धान की रोपाई कर दी थी उनके लिए आसमान से सोना बरसा है। अभी जो लोग रोपाई करना चाह रहे हैं वे कर सकेंगे। बाजरा और उर्द की फसल आसानी से बोई जा सकेगी। मक्का, गन्ना, ज्वार की फसलों के साथ सब्जियों में लौकी, भिंडी, करेला की फसलों को फायदा हुआ है।

-आरके सिंह, जिला कृषि अधिकारी


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