कम हुई गन्ने की मिठास
बदायूं : चीनी मिलों से समय पर भुगतान न मिलने और लागत बढ़ने की वजह से गन्ने की खेती से किसानों का मोह भंग होने लगा है। पिछले साल 27000 हेक्टेयर में होने वाले गन्ने का रकबा इस साल 20700 हेक्टेयर ही रह गया है।
बारिश न होने से परेशान किसान धान की फसल बचाने में डटा है। किसान किसी तरह पंपिंग सेट से पानी लगा कर धान की सिंचाई कर रहा है। वहीं गन्ने का भुगतान न मिलने पर किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। जिले में दो सरकारी चीनी मिल शेखूपुर व बिसौली में हैं, इसलिए किसान गन्ने को बरेली, रामपुर की चीनी मिलों में भी ले जाते हैं। बदायूं की शेखूपुर चीनी मिल को किसानों का 36 करोड़ बकाया में से 33 करोड़ दे दिया गया है। वहीं बिसौली चीनी मिल पर किसानों का गन्ने का भुगतान 100 करोड़ रुपये था, जिसमें से अब तक 81 करोड़ का ही भुगतान हुआ। गन्ने का भुगतान न होने पर इस बार रकबा कम हो गया है। पिछले साल गन्ने का रकबा 27000 हेक्टेयर था जो इस बार घटकर करीब 20700 हेक्टेयर हो गया है।
- बिसौली चीनी मिल बकाया भुगतान करने के लिए मिल की चीनी को कस्टडी में ले लिया गया है। जिसे बेचकर ही किसानों का भुगतान किया जाएगा।
- डीके सैनी, जिला गन्ना अधिकारी