अक्षय तृतीय पर जमकर हुई खरीददारी
बदायूं : अक्षय तृतीय को माता लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इस दिन किए गए कार्य सफल होते हैं। यही वजह
बदायूं : अक्षय तृतीय को माता लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इस दिन किए गए कार्य सफल होते हैं। यही वजह है कि अधिकांश लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। शुक्रवार को अक्षय तृतीया को लोगों ने शुभ मुहूर्त में कई शुभ कामों को निपटाया। बाजारों में भी ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ी अधिकांश लोग आभूषणों और वाहनों की दुकानों पर दिखाई दिए।
पुराणों के आधार पर अक्षय तृतीय के दिन किए गए सभी कार्य सफल होते हैं। यह दिन माता लक्ष्मी का होता है। जिस तरह से लोग दीपावली के दिन शुभ कार्य करते है।उसी प्रकार इस दिन भी लोग शुभकार्य करते हैं। विशेष तौर पर शादी विवाह। यही वजह रही कि शुक्रवार को शहर के सभी शादी हॉल बुक थे। हॉल न मिलने पर कई लोगों को बरात को स्कूलों में रोकना पड़ा। बैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया कहा जाता है। कई स्थानों पर इसको अखा तीज भी कहते हैं। सामाजिक और धार्मिक लिहाज से भी यह दिन सही माना गया है। इस दिन गंगा स्नान का भी महत्व होता है। वहीं माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
जमकर हुई आभूषणों की बिक्री
शुक्रवार को अक्षय तृतीय के दिन आभूषणों की दुकानों पर खासी भीड़ दिखाई दी। शहर के सर्राफा बाजार में स्थित सभी दुकानों पर ग्राहकों की संख्या काफी दिखाई दी। वहीं कई लोगों ने अन्य वस्तुओं की भी खरीददारी भी की। शुक्रवार को इस शुभ दिन में करीब पांच करोड़ रुपये के स्वर्ण आभूषणों की बिक्री हुई। यह जानकारी स्वर्ण विक्रेताओं ने दी है।
वाहनों की हुई बिक्री
शहर के ऑटो डीलर्स के यहां भी शुक्रवार को ग्राहकों की आमद अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक रही। आज सबसे अधिक बाइक और स्कूटी की बिक्री हुई। ऑटो डीलर्स ने बताया कि पूरे जिले में करीब आज के दिन सौ के करीब बाइकों की बिक्री हुई होगी। जबकि अन्य दिनों में इतनी बिक्री नहीं हो पाती है। अक्षय तृतीय के दिन लोग शुभ मानते हैं। इसलिए वाहनों को विशेष तौर पर खरीदते हैं।
बाल विवाह रोकने के लिए किया जागरूक
अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए जिला बाल कल्याण समिति व जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा जागरूकता कार्यक्रम किया गया। इस मौके पर बाल गृह के कार्मिक, किशोर न्याय बोर्ड व एनजीओ के पदाधिकारी मौजूद रहे। बाल कल्याण समिति की सदस्य मीना ¨सह ने कहा कि इसे सिर्फ कानून से दूर नहीं किया जा सकता है इसके लिए प्रत्येक परिवार को जागरूक करना आवश्यक है। इस मौके पर गुलशन जमाल, भमरपाल ¨सह, मुअज्जम अली, रवि कुमार, नारायन देव, शाहजेब, मनू, दीक्षा, धर्मेंद्र पाल, काजल, सरोज, पूनम, पूजा, यशोदा, संतोष, अनूप आदि मौजूद रहे।
पूजा-अर्चना के साथ किया चालीसा पाठ
संस, बिल्सी: नगर में स्थित दिगंबर जैन मंदिर में जैन धर्म के प्रथम तीर्थकार भगवान ऋषभ नाथ स्वामी का अक्षय तृतीया के पावन दिन पर शुक्ल पक्ष तृतीया के दिन प्रथम बार आहार, राजा श्रोयांस नाथ ने इच्छुक रस का हस्तिनापुर मेरठ उप्र में दिया। यहां जैन समाज के लोगों ने सर्वप्रथम भगवान आदित्यनाथ वामी की पूजा-अर्चना के साथ चालीसा पाठ किया। इसके बाद भगवान आदित्यनाथ स्वामी का जलाभिषेक की प्रक्रिया आरंभ हुई। जैन धर्म में अक्षय तृतीया का वर्ग महत्व बताया गया है। जैन धर्मानुसार प्रथम तीर्थकार भगवान आदित्यनाथ स्वामी ने अपने जीवनकाल में तप व त्याग की कठोर साधना मुनि अवस्था में की और तप के पश्चात मोक्ष को प्राप्त हुए। इस अवसर पर श्री पार्श्वनाथ प्राचीन जैन मंदिर एवं श्री चंद्रप्रभु दिगंवर जैन मंदिर, पदमांचल जैन तीर्थ क्षेत्र दिधौनी में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम संपन्न हुए। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रशांत जैन, अनिल जैन, डॉ.आरती जैन, स्वीटी जैन, मोना जैन, ज्योति जैन, नीलम जैन, संतोष जैन, नीरज जैन, नीरेश जैन, निर्भय जैन, उएपकार जैन, पं.सतीश चंद्र आदि का विशेष सहयोग रहा।