सीजेएम कोर्ट में अर्जी देकर अतिरिक्त विवेचना की मांग
बदायूं : प्रभारी डीजीसी हत्याकांड में सीजेएम मोहम्मद असलम सिद्दीकी की अदालत में विपर्णा गौड़ एडवोके
बदायूं : प्रभारी डीजीसी हत्याकांड में सीजेएम मोहम्मद असलम सिद्दीकी की अदालत में विपर्णा गौड़ एडवोकेट ने अर्जी देकर अतिरिक्त विवेचना कराने की मांग की है। उन्होंने विवेचक पर विवेचना में कुछ तथ्यों को नजरंदाज करने का आरोप लगाया है।
प्रभारी डीजीसी साधना शर्मा 23 मई 2016 को शाम कोर्ट का कामकाज निपटाकर स्कूटी से अपने निवास उझानी जा रहीं थीं। स्कूटी उनका नौकर बिहारी चला रहा था। जिरौलिया के पास उनकी स्कूटी को पीछे से कार ने टक्कर मार दी। जिससे वह गिर गईं। अस्पताल में उनकी मौत हो गई। उनकी छोटी बहन विपर्णा गौड़ ने थाना उझानी में उनकी हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचना में शिथिलता के कारण उन्होंने ने विवेचना क्राइम ब्रांच बरेली को ट्रांसफर करा दी। विवेचक जगदीश अरोरा ने सीजेएम कोर्ट में राजू उर्फ रियाज, गिरीश मिश्रा, मस्ताना उर्फ अब्दुल नवी, यासीन उर्फ बाबा, पीसी शर्मा उर्फ प्रेमचंद्र, इशरत के विरूद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी। इन सभी आरोपियों को विचारण हेतु सत्र न्यायालय को सुपुर्द किया जा चुका है। विपर्णा गौड़ एडवोकेट ने सीजेएम को अर्जी देकर इनके विरूद्ध अतिरिक्त विवेचना कराने की मांग की है। उन्होंने अर्जी में कहा है कि विवेचक ने इनके विरुद्ध महत्वपूर्ण साक्ष्य होने के बावजूद अपने पास रोक ली और महत्वपूर्ण साक्ष्य का सकलैन ही नहीं किया जबकि ऐसे साक्ष्यों के बारे में विवेचक को कई बार मौखिक रूप से एवं लिखित निवेदन किया गया। विवेचक द्वारा जान-बूझकर बरती गई। इस लापरवाही के कारण इस मामले में अभियोजन पक्ष को अपेक्षित न्याय प्राप्त कर में कठिनाइयां हो गईं। इसलिए विवेचक को निर्देशित किया जाए कि वह उपरोक्त आरोपियों के विरुद्ध अतिरिक्त विवेचना करें।