वाहन दौड़ाने वालों को नियमों की परवाह नहीं
बदायूं : बाइक हो या चार पहिया वाहन की स्टेय¨रग, हाथ में पकड़े और चल दिए सड़कों पर। न नियमों की चिंता
बदायूं : बाइक हो या चार पहिया वाहन की स्टेय¨रग, हाथ में पकड़े और चल दिए सड़कों पर। न नियमों की चिंता न कानून का भय। कब, कहां से कौनसा वाहन आ रहा है, इससे कोई मतलब नहीं। पीछे से जरूरतमंद वाहन के आने के बाद भी साइड न देना। बस अपनी धुन में ही मस्त रहकर वाहन चलाना और दुर्घटना होने पर खुद को कोसना। यह नजारा आम है बदायूं में वाहन चालकों का। जिन्हें सड़क किनारे लगे यातायात संकेतांक से कोई मतलब नहीं होता। इसके चलते दुर्घटनाओं का ग्राफ दिन व दिन बढ़ता जा रहा है। बहुत कुछ भूमिका परिवहन विभाग के जिम्मेदार व यातायात पुलिस की है। जो कभी भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं करते।
जिले की कुल आबादी 37 लाख है। जिले में पांच हजार बड़े वाहन व 1.95 लाख दो पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन परिवहन विभाग से कराया गया है। इसके अलावा ड्राई¨वग लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या भी हजारों में है। इनमें से कुछ ही लोगों ने नियम के तहत ड्राइ¨वग लाइसेंस बनवाया है, बाकी ने परिवहन विभाग कार्यालय के बाहर बैठने वाले दलालों का सहारा लिया है। डीएल के लिए आवेदन के समय पूरी से¨टग हो जाती थी और सुविधा शुल्क देकर डीएल हाथ में आता था। ऐसे ही लोग सड़क पर नियमों को तोड़ते नजर आते हैं। पहली बार तो शहर के किसी भी चौराहे व तिराहे पर यातायात सिग्नल व्यवस्थित नहीं हैं। नवादा चौराहा व लालपुर चौराहे पर लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल खराब हो चुके हैं। ऐसे में अगर कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी किसी वाहन को रोकने के लिए हाथ भी दे तो वाहन की स्पीड बढ़ा दी जाती है और चालक नियम तोड़कर आगे बढ़ जाता है। इसके बाद भी वाहन व चालकों पर कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाती। यही लोग अनाप-शनाप तरीके से वाहन चलाकर व इधर-उधर वाहन खड़ा करके जाम लगवाते हैं। जाम के दौरान हर किसी को आगे निकलने की जल्द रहती है और जरूरतमंद जैसे स्कूली बच्चे, एंबुलेंस आदि जाम में फंसे रहते हैं।