सपा के गढ़ बदायूं में पसरा रहा सन्नाटा
बदायूं : लखनऊ में चल रही उठापटक के बीच सपा के गढ़ बदायूं में सन्नाटा ही पसरा रहा। जिले के सभी एमएलसी
बदायूं : लखनऊ में चल रही उठापटक के बीच सपा के गढ़ बदायूं में सन्नाटा ही पसरा रहा। जिले के सभी एमएलसी और विधायक लखनऊ बुला लिए गए हैं। जिले के पदाधिकारी प्रदेश मुख्यालय पर नजर जमाए हुए हैं। जिलाध्यक्ष से लेकर अन्य पदाधिकारी अभी कुछ खुलकर बोलने से परहेज कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश श्रम संविदा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना डॉ.यासीन उस्मानी ने जरूर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तारीफ कर लखनऊ में चल रही लड़ाई में उनके साथ खड़े होने के संकेत दिए हैं।
सपा के लिहाज से बदायूं प्रदेश के प्रमुख महत्वपूर्ण जिलों में शामिल है। सपा मुखिया मुलायम ¨सह यादव खुद यहां से दो बार विधायक चुने जा चुके हैं और यहां से विधायक रहते हुए मुख्यमंत्री भी बने थे। इस समय उनके भतीजे धर्मेंद्र यादव दोबारा यहां से सांसद हैं। सांसद धर्मेंद्र यादव की मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बेहद करीबी उजागर होती रही है। सांसद की पहल पर ही मुख्यमंत्री ने जिले को राजकीय मेडिकल कॉलेज दिया है और बरेली-बदायूं फोरलेन का भी निर्माण कराया है। राजकीय मेडिकल कॉलेज के शिलान्यास में मुलायम ¨सह यादव भी शामिल हुए थे। यह बात दीगर है कि तब पूरा परिवार एक साथ था, लेकिन आज परिस्थितियां बदल गई हैं। मौजूदा हालात में कौन किसके साथ है यह अंदाजा लगाना मुश्किल है। उत्तर प्रदेश श्रम संविदा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना डॉ.यासीन उस्मानी ने साफ कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हैं, लेकिन बाकी पदाधिकारी अभी ढुलमुल जवाब ही दे रहे हैं। सपा के कुछ युवा नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि वह सांसद धर्मेंद्र यादव के साथ हैं। सांसद जो निर्णय लेंगे वह उनके साथ रहेंगे।
सपा के संस्थापक सदस्य बनवारी ¨सह यादव जब से पार्टी बनी है तभी से जिलाध्यक्ष हैं। मुलायम ¨सह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में उन्हें मिनी मुख्यमंत्री के रूप में जाना जाता था। इस समय भी वह जिलाध्यक्ष के साथ एमएलसी भी हैं। सपा मुखिया के बुलावे पर वह भी लखनऊ पहुंचे हैं। दूरभाष पर बात हुई तो पार्टी के घटनाक्रम पर कुछ बोलने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने बस इतना कहा कि सब ठीक हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश श्रम संविदा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना डा.यासीन अली उस्मानी ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी मुखिया मुलायम का वारिस बताते हुए कहा कि उन्होंने पांच साल के कार्यकाल में शानदार काम किया है। बदायूं के लिए भी उन्होंने बड़ी सौगात दी हैं। मुसलमानों का एक बड़ा वर्ग उनके साथ है। सीधे-सीधे तो नहीं कहा, लेकिन इशारों में उन्होंने साफ कर दिया कि वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हैं।
जिला महासचिव सुरेश पाल ¨सह चौहान भी शुरुआती दौर से पार्टी से जुड़े हुए हैं। लखनऊ के हालिया घटनाक्रम पर उनसे बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो हो रहा है वह अच्छा नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात पर कुछ टिप्पणी करना ठीक नहीं है। ईश्वर से कामना यही करते हैं कि सबकुछ ठीक हो जाए। पहले की तरह पार्टी के सभी नेता एक मंच पर आ जाएं।