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भूकंप नहीं मारता हमें, मारती है अज्ञानता

बदायूं : सावन के पहले दिन बदायूं से लेकर कछला गंगा घाट तक जहां हर-हर बम-बम के जयघोष गूंज रहे थे वह

By Edited By: Published: Sat, 01 Aug 2015 11:50 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2015 11:50 PM (IST)
भूकंप नहीं मारता हमें, मारती है अज्ञानता

बदायूं : सावन के पहले दिन बदायूं से लेकर कछला गंगा घाट तक जहां हर-हर बम-बम के जयघोष गूंज रहे थे वहीं बदायूं क्लब में भूकंप से होने वाले जान माल से बचाव के लिए प्रशिक्षण की शुरूआत हुई। दिल्ली से आई विशेषज्ञों की टीम ने प्रशासनिक अधिकारियों, क्लब के पदाधिकारियों, सदस्यों और गणमान्य नागरिकों को समझाया कि भूकंप से कोई नहीं मरता, भूकंप आने पर इमारतों के ध्वस्त होने से जान जाती है। बचाव के तरीके समझाते हुए बचाव के उपाय करके भूकंप से होने वाली क्षति को न्यूनतम किया जा सकता है।

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कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए डीएम शंभूनाथ ने कहा कि भूकंप से समाज को जागरूक करने के लिए चलाई जा रही जागरण की मुहिम अब मुकाम पर पहुंची है। अभी तक हम सभी लोग आपस में भूकंप से बचाव के तरीकों पर चर्चा करते रहते थे, लेकिन एक्सपर्ट की कमी खल रही थी। जिले के लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए एक्सपर्ट की टीम आ जाने से निश्चित रूप से हमें वह जानकारियां भी मिल सकेंगी जिसकी हमें जानकारी नहीं थी। अब निश्चित रूप से अपना जिला इतना जागरूक हो जाएगा कि भूकंप से होने वाली क्षति को न्यूनतम किया जा सकेगा।

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व आरपी यादव ने कहा कि भूकंप की संवेदनशीलता को देखते हुए यह कार्यशाला बेहद महत्वपूर्ण है। दैवीय आपदा आने के बाद बचाव कार्य के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। बेहतर होगा कि आपदा आने से पहले बचाव के उपाय किए जाएं, इससे होने वाली क्षति को कम से कम किया जा सकता है। बदायूं क्लब के सचिव डा.अक्षत अशेष ने कहा कि दैनिक जागरण की विशेष पहल से लगाई गई यह कार्यशाला जीवन रक्षा से जुड़ी हुई है। निश्चित रूप से इसका असर दिखाई पड़ेगा और भूकंप से बचाव करने में हम सक्षम होंगे।

दैनिक जागरण की पहल पर भूकंप से बचाव का प्रशिक्षण देने के लिए ग्लोबल एकेडमी ऑफ पब्लिक सेफ्टी एंड हैविटेट मैनेजमेंट दिल्ली की टीम में शामिल एक्सपर्ट विनीता राज गुप्ता और हीना खन्ना ने भूकंप की बारीकियां समझाई। एक्सपर्ट विनीता राज गुप्ता और हिना खन्ना ने समझाया कि भूकंप आने पर भूकंपरोधी न होने पर ईंटों के मकान भी खतरनाक होते हैं। मिट्टी के बने मकान तो पूरी तरह ध्वस्त हो जाते हैं। पेड़ भी गिर सकते हैं और बिजली के पोल भी, सूखे हुए कुंए में पानी आ सकता है और पानी से भरे कुंए सूख सकते हैं। समझाया कि भूकंप से कोई नहीं मरता, भूकंप आने पर जब इमारतें गिरती हैं तो दबकर लोगों की मौत हो जाती है। विभिन्न प्रकार के प्रयोग करके यह बताया कि किस तरह भूकंप आने पर बचाव करें और भूकंप पीड़ितों को किस तरह बचाया जा सकता है। दैनिक जागरण के जिला प्रभारी प्रसून शुक्ल ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन रवींद्र मोहन सक्सेना ने किया।

इस मौके पर बदायूं क्लब के उपाध्यक्ष डा.एसके गुप्त, प्रशासनिक सचिव दीपक सक्सेना, डा.भाष्कर शर्मा, डा.विष्णु प्रकाश मिश्र, डा.रामबहादुर व्यथित, जनार्दन दत्त मिश्र, सैयद इकबाल असलम, राहुल कुमार चौबे, एनसी शंखधार, हिमांशु वर्मा, प्रशांत दीक्षित, संजीव कुमार शर्मा, डा.इजहार असलम, राहुल महाजन, सतीश मोहन गुप्ता, सुशील कुमार अग्निहोत्री, संजीव कुमार गुप्ता, मुनेंद्र बहादुर सक्सेना, राजन मेंहदीरत्ता, अजय पाल ¨सह, हरवंश पहलवान, शिवोहम आदि मौजूद रहे।

भवन भूकंपरोधी ही बनवाएं

भूकंप कब आएगा पहले से कुछ पता नहीं रहता। बचाव का सर्वोत्तम उपाय यही है कि भवन भूकंपरोधी बनवाएं। विनीता राज गुप्ता ने कहा कि भवन खरीदते समय हम देखते हैं कि ट्रांसपोर्ट, पार्क, खूबसूरती का ध्यान रखते हैं, लेकिन अब हमें यह बात प्राथमिकता से देखनी होगी कि भवन भूकंपरोधी है या नहीं। भलाई इसी में है कि अब जो भी भवन बनवाएं, भूकंपरोधी ही बनवाएं। भूकंपरोधी भवन निर्माण में खर्च ज्यादा नहीं होता, जागरूकता की कमी के कारण नहीं बनवा पाते।

कैसे करें बचाव ..

- भूकंप से बचाव की पहले से करें तैयारी

- अगर भूकंप आ जाए तो कोशिश करें बाहर निकल आएं

- अगर बाहर नहीं निकल सकते तो सिर को बचाने की करें कोशिश

- स्कूल में बच्चे अपना बस्ता सिर पर रखकर कहीं बेंच के नीचे छिपें

- कार्यालय में कुछ नहीं मिले तो फाइलों को सिर पर रखकर बीम के पास छिपें

- दरवाजे के पास आलमारी न रखें, आलमारी पर सजावटी सामान न रखें

- बेड के आसपास न रखें शीशे की सजावटी वस्तुएं

- भूकंप आने पर न करें लिफ्ट का उपयोग

- वाहन चला रहे हों तो खुले में रोड किनारे वाहन खड़ा कर उतर जाएं

- घर से बाहर होने पर पेड़, पोल और जर्जर भवन से दूर रहें

- जरूरत के सामान और जरूरी फोन नंबर साथ लेकर निकलें


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