तीन लाख लगे पौधे, फिर भी हरियाली गायब
जागरण संवाददाता, बदायूं : जिले में दूषित हो रहे पर्यावरण का जिम्मेदार वन महकमा भी है। उसकी मुख्य व
जागरण संवाददाता, बदायूं :
जिले में दूषित हो रहे पर्यावरण का जिम्मेदार वन महकमा भी है। उसकी मुख्य वजह है कि हर साल पेड़ों का अवैध कटान हो रहा है, लेकिन नए पौधे सिर्फ कागजों में ही रोपे जा रहें हैं। हकीकत में कहीं पर भी हरियाली के नाम पर कुछ खास नहीं किया गया। पिछले वित्तीय वर्ष में हुए पौधरोपण के आंकड़ों पर गौर करें तो वह बेहद चौंकाने वाले हैं। करीब दो करोड़ दस लाख रुपये की लागत से तीन लाख पौधे लगाने का विभाग ने दावा किया है, बावजूद इसके यह पौधे कहां लगाए गए यह तो अफसर ही जानें। बहरहाल सहसवान के अलावा और कहीं पर पौधे होने का दावा खुद विभागीय अधिकारी नहीं कर पा रहें हैं।
पिछले साल सहसवान स्थित दंड झील से पौधरोपण अभियान का शुभारंभ किया गया था। इस खास अभियान का शुभारंभ सांसद धर्मेंद्र यादव ने किया था। अभियान के दौरान सांसद ने संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए थे कि जिले भर में पौधरोपण अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जाए। उन्होंने कहा था कि देहात इलाकों से लेकर नगरीय क्षेत्रों तक इसका असर दिखाई देना चाहिए। हरियाली दिखेगी तो हमारे जिले की सुंदरता बढ़ेगी। अब बात विभागीय अधिकारियों की करें तो उन्होंने सांसद के निर्देशों को कितनी गंभीरता से लिया, यह हकीकत किसी से छिपी नहीं है। हाईवे से लेकर कोई भी सड़क ऐसी नहीं है जहां पुराने पेड़ों के अलावा नए पौधे दिखाई दे जाएं। जहां चंद पौधे लगाए भी गए वहां पर रख रखाव के अभाव में उन्होंने त यार होने से पहले ही दम तोड़ दिया। विभागीय अधिकारियों ने इस अभियान को धरातल की बजाए कागजों पर दौड़ाकर पूरा कर लिया।