रेलवे की दगाबाजी मुसाफिरों पर भारी
बदायूं: जिले और आसपास के मुसाफिरों पर आजकल बुरी बीत रही है। रेलवे उनके साथ लगातार दगाबाजी कर रहा है
बदायूं: जिले और आसपास के मुसाफिरों पर आजकल बुरी बीत रही है। रेलवे उनके साथ लगातार दगाबाजी कर रहा है तो लोक निर्माण विभाग भी रहम नहीं दिखा रहा। फोरलेन हाईवे के काम को जो गति मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही है। बदायूं से बरेली का सफर महंगा होने की वजह से यहां का बाजार भी महंगा हो चला है तो तमाम लोगों को रोजी-रोजगार से भी हाथ धोना पड़ गया है।
जिले के लोग करीब सवा साल से कासगंज-बरेली के बीच ब्रॉडगेज पर ट्रेन दौड़ने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन रेल महकमे से उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल पा रहा है। ट्रेन का सफर तो पहुंच से दूर हो ही गया है, सड़क मार्ग से भी लोगों का सफर कठिन हो गया है। बरेली-बदायूं मार्ग फोरलेन बनाने के लिए खोदकर डाल दिया गया है। यहां काम तो चल रहा है, लेकिन यह गति नहीं पकड़ पा रहा है। इस तरह पचास किलोमीटर का यह सफर न केवल उबाऊ हो चला है, बल्कि काफी महंगा भी साबित हो रहा है।
सफर में ज्यादा वक्त और किराया भी अधिक लगने की वजह से बरेली में दिहाड़ी व निजी प्रतिष्ठानों पर नौकरी करने वाले अब काम छोड़ने लगे हैं। इसी तरह बरेली से आने वाले सामान पर लागत ज्यादा आने की वजह से जिले का बाजार भी महंगा हो गया है।
रेल विभाग अपने काम को अंजाम नहीं दे पा रहा है, जबकि बदायूं-बरेली के बीच उसने तब चार माह में ही ट्रेन चलाने का भरोसा दिया था जो चौदह माह में भी पूरा नहीं हो पा रहा है। रेलवे की दगाबाजी से यहां के लोग काफी आहत हैं। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा भी यहां कोई मरहम लेकर नहीं आए। उनके बयान के बाद साफ हो गया है कि रेलवे महकमा केवल बदायूं की जनता का दिल बहला रहा है। मार्च में ट्रेन हर हाल में चलाने की बात कही गई थी, लेकिन रेल राज्य मंत्री ने इसे बढ़ाकर सीधे जुलाई तक पहुंचा दिया। हालांकि इसके लिए भी अभी कोई रूटमैप तैयार नहीं है। मंत्री के बयान के बाद इज्जतनगर के अफसरों का झूठ सामने आने के बाद बदायूं की जनता खुद को ठगा सा महसूस कर रही है। पिछले दिनों चीफ कमर्शियल मैनेजर एसी लाठे और डीआरएम सीएम जिंदल ने खुद आकर यहां निरीक्षण किया था और मार्च के अंत तक बरेली-कासगंज के बीच ट्रेनों के संचालन का दावा किया था। यह दावा फिलहाल हवाई साबित हो गया है।