खटारा जीपों से लग्जरी को मात देने की चुनौती
बदायूं : कटरी जहां बदमाशों का गढ़ माना जाता है, वहां इसे इत्तेफाक ही कहेंगे कि वहां के थानों की पुलि
बदायूं : कटरी जहां बदमाशों का गढ़ माना जाता है, वहां इसे इत्तेफाक ही कहेंगे कि वहां के थानों की पुलिस खटारा वाहनों से चल रही है। बॉर्डर से लेकर कटरी के सभी थानों में पुलिस जीप जर्जर हालात में हैं। इन जीपों से लग्जरी को मात देना चुनौती बना हुआ है। अधिकांश मामलों में देखा जाता है कि अपराधियों के वाहनों का पीछा करते वक्त खटारा जीपें धोखा दे जाती हैं। इससे जहां अपराधी फरार होते हैं, वहीं कई मामलों में पुलिस की जान पर भी बन आती है। इन वाहनों में यात्रा करते वक्त पुलिसकर्मी खासे भयभीत रहते हैं।
जिले के बार्डर और कटरी क्षेत्र के थाने उसावां, उसहैत, हजरतपुर, दातागंज, जरीफनगर पुलिस के पास लंबे समय से खटारा गाड़िया हैं। दस्यु प्रभावित इन इलाकों में आए दिन पुलिस का मुकाबला बदमाशों और पशु तस्करों से होता है। कटरी के साथ बार्डर के थाने होने की वजह से मौजूदा समय में किस पल पुलिस को पशु तस्करों का पीछा करना पड़े कुछ नहीं कहा जा सकता। होता भी है जब इन थानों की पुलिस ने पशु तस्करों या बदमाशों का पीछा किया है तो उनकी गाड़ियां जनता के पहरेदारों को ठेंगा दिखाते हुए निकल जाती हैं। चाहकर भी पुलिस इन बदमाशों को नहीं पकड़ पाती है। पिछले महीने मुजरिया थाना क्षेत्र में पुलिस ने पशु तस्करों का पीछा करना शुरू किया तो वह महज पिकअप गाड़ी को ही नहीं पकड़ पाई थी। पुरानी जीप होने की वजह से पशु तस्कर आराम से फरार हो गए थे। हाल ही में उसावां थाने पर फायरिंग करने के बाद फरार हुए पशु तस्करों की डीसीएम पकड़ने के लिए उसावां एसओ ने पुलिस फोर्स के साथ पीछा करना शुरू किया तो अधर में जाकर खटारा जीप धोखा दे गई थी। बीच रास्ते में जब कोई सहारा नहीं मिला तो एसओ कमलेश सिंह और दारोगा बाइक से पशु तस्करों के पीछे दौड़े थे, जहां दातागंज में जाकर उन्हें गिरफ्तार किया गया। इस बीच पशु तस्करों ने कई बैरियरों को चकनाचूर कर दिया था। ऐसे में अगर जीप धोखा नहीं देती तो पशु तस्करों को उसावां के करीब में ही पकड़ा जा सकता था। यह तो मात्र उदाहरण हैं, इन थानों की जीपें अधिकांश घटनाओं के दौरान धोखा दे जाती हैं। इसके बाद भी महकमा इन गाड़ियों को बदलवाने के लिए तैयार नहीं होता।