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बिजली ने उड़ाई रातों की नींद

By Edited By: Published: Fri, 29 Aug 2014 02:12 AM (IST)Updated: Fri, 29 Aug 2014 02:12 AM (IST)
बिजली ने उड़ाई रातों की नींद

बदायूं : एक तरफ सूखे की मार झेल रहे लोगों को दूसरी ओर बिजली संकट से भी जूझना पड़ रहा है। दिन की कटौती में तो थोड़ी राहत मिली है, लेकिन रात्रिकालीन कटौती से नींद हराम हो गई है।

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शाम को साढ़े सात बजे बिजली गुल हो रही है तो साढ़े दस बजे वापस आ रही है। शहर के लोगों को घंटों छतों और सड़कों पर टहलकर गुजारना पड़ रहा है। अभी लोगों को गहरी नहीं आती है कि भोर में तीन बजे बिजली गायब हो जाती है। कटौती की वजह से लोगों की नींद भी पूरी नहीं हो पा रही है। ग्रामीण इलाकों में दो से छह घंटे तक ही बिजली मिल पा रही है। इसकी वजह से खेतों की सिंचाई नहीं हो पा रही है और फसलें सूख रही हैं।

भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष रवेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि बिजली कटौती से किसानों का बुरा हाल है। घंटे दो घंटे के लिए बिजली मिलती है तो कुछेक किसानों के खेतों तक ही पानी पहुंच पाता है। उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति में शीघ्र सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा। उनके साथ सर्वेश सिंह, रामकुमार सिंह, जमुना सिंह, राधेश्याम सक्सेना, खान बहादुर, वीरेश शर्मा, सुरेंद्र, गोपाल, नंदराम आदि मौजूद रहे।

इस्माईलपुर : उत्तर प्रदेश पंचायती राज प्रधान परिषद की बैठक कैंप कार्यालय स्थित भदसिया जिलाध्यक्ष भूरे हुसैन की अध्यक्षता में हुई बिजली की समस्या उठाई गई। शीघ्र सुधार न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई। जिलाध्यक्ष ने कहा कि जनपद का किसान बारिश न होने से बाजरा, धान, मक्का, तिल, ईख की फसलें नष्ट होने से किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है। राजनैतिक दलों को अन्नदाता के हित को लेकर आवाज उठाने का समय नहीं है। उन्होंने कहा किसानों को बमुश्किल पांच घंटा बिजली मिल पा रही है। अगर शीघ्र ही किसानों को 18 घंटा बिजली नहीं तो परिषद कार्यकर्ता किसानों के हित की लड़ाई लड़कर जनपद को सूखाग्रस्त घोषित कराने का बिगुल फूंकेगा।

इस दौरान सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक कादरचौक ब्लाक अध्यक्ष रामप्रसाद शाक्य ने कहा कि बदायूं को सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों को राहत दिलाई जाए साथ ही किसानों का ब्याज और बिलों आदि को माफ किया जाए।

जिला महासचिव चेतराम विदूषक ने कहा कृषि प्रधान देश के अन्नदाता संकट में है। शीघ्र ही सरकार को किसानों के हित में निर्णय लेने की आवश्यकता है। बैठक में आचार्य राघवेंद्र सिंह, दिनेश मौर्य, सुरेंद्र पाल, हरपाल सिंह, भगवानदास, जुल्फिकार अली, सीताराम, टिल्लू, सुभाष चंद्र, ब्रजनंदन, रामविलास आदि मौजूद रहे। संचालन महासचिव आरबी सिंह सोलंकी ने किया।


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