रामगंगा में समाए आधा दर्जन मकान
बदायूं : गंगा और रामगंगा नदियों में पानी कम होने के बाद कटान तेज हो गया है। सबसे ज्यादा समस्या दातागंज तहसील क्षेत्र के नवादा मधुकर गांव में हुई है। रामगंगा के कटान के कारण यहां आधा दर्जन मकान नदी में समा गए हैं। गांव के दो दर्जन परिवार पलायन कर गए हैं। यहां के ग्रामीणों को दूसरी जगह बसाने की कवायद शुरू कर दी गई है।
नरौरा बैराज से गंगा में पानी छोड़ने का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। नरौरा बैराज से 30322 क्यूसेक, बिजनौर से 17144 क्यूसेक और हरिद्वार से 96971 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। कछला में गंगा का गेज 162.65 मीटर पर आ गया है। यह 163.55 मीटर तक पहुंच गया था। गंगा के जलस्तर में तो कमी आ गई है, लेकिन भू कटान तेज हो गया है। कछला, उसहैत और सहसवान क्षेत्र के गांवों में भू कटान हो रहा है। हालांकि खतरे की कोई बात नहीं है।
दातागंज : रामगंगा के जलस्तर में तो गिरावट आई है, लेकिन भू कटान तेज हो गया है। शुरूआत से ही नदी के निशाने पर रहे नवादा मधुकर गांव पर रामगंगा कहर बरपा रही है। तेजी से हो रहे भू कटान के चलते धनपाल, बुधपाल, कल्लू, श्रीपाल समेत आधा दर्जन ग्रामीणों के मकान कटकर गंगा में समा गए हैं। रामगंगा के कहर को देखते हुए करीब दो दर्जन ग्रामीण अपने मकान खाली करके दूसरे स्थानों पर रहने लगे हैं। शनिवार को यहां अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड डीके जैन और एडीएम वित्त राजेंद्र यादव ने गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया था। ग्राम प्रधान ने उसे ग्रामीणों को राहत सामग्री और राशि मुहैया कराये जाने की मांग उठाई थी। कटान की स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों को दूसरी जगह बसाने की मांग उठाई।
क्षेत्रीय बसपा विधायक सिनोद कुमार शाक्य ने नवादा मधुकर में रामगंगा के कटान को लेकर जिलाधिकारी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि इस गांव को किसी दूसरी जगह बसाया जाए और लोहिया गांवों की तरह इस गांव के लोगों को आवास, कृषि पट्टा का आवंटन कराया जाय। विधायक ने बताया कि जिलाधिकारी ने इस मांग पर एसडीएम दातागंज को कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।